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पुखराज धारण करने का महत्व

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धनु लग्न एवम मीन लग्न वाले जातको के लिए पुखराज आजीवन रत्न है। धनु लग्न के लिए भाग्येश रत्न मानिक और मीन लग्न के लिए भाग्येश रत्न मूंगा आजीवन लाभ प्रद रहेगा। गुरु की शांति के लिए एवम कमजोर गुरु को शक्तिशाली बनाने के लिए पुखराज को धारण किया जाता है। पुखराज पाच रत्नों में प्रमुख माना गया है जिसमे से देव गुरु ब्रहस्पति के शुभ कर्मो में और मंगलकार्य में प्रवर्त्त और सभी की सुख सम्पन्नता और एश्वर्य को प्रदान करता है बुद्धि वर्दक है पागलपन एवम अकस्मात् मृत्यु की आशंका को दूर करता है। पारदर्शक और अमलताश के पुष्प जैसा रंग वाला पुखराज शुभ फल दायक प्रशिद्धि प्रदान करने वाला होता है। ब्रहस्पति पुराण के मतानुसार शीतवीर, कफ वात , शामक , विशाग्न इसकी उत्पत्ति है। पुखराज कुष्ट और चरम रोग का निवारक है अवम कई प्रकार भी व्यादियो को भी नष्ठ करता है।

असली पुखराज की पहचान
ज्योतिषशास्त्र में गुरू को ज्ञान, धन, मान-सम्मान, विवाह एवं संतान सुख प्रदान करने ग्रह कहा गया है। जिनकी कुण्डली गुरू की स्थिति कमज़ोर होती है उन्हें मान-सम्मान एवं धन संबंधी परेशानियों का सामना बार-बार करना पड़ता है। इनकी शिक्षा में भी बाधा आती है। ज्योतिषशास्त्र में बताया गया है कि गुरू के कमज़ोर होने की वजह से जीवन में आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए गुरू को मजबूत बनाना चाहिए। इसके लिए गुरू का रत्न पुखराज धारण करने की सलाह लगभग सभी ज्योतिषी बताते हैं। गुरू के शुभ होने पर भी गुरू का रत्न धारण करना अच्छा माना जाता है।

गुरू ग्रह के शुभ फलों में वृद्धि करने की योग्यता होने की वजह से पुखराज की कीमत सामान्य रत्नों से काफी अधिक होती है। आमतौर पर बाजार में पुखराज की शुरूआत कीमत 1 हजार प्रति कैरेट होती है। इसके ऊपर पुखराज की गुणवत्ता के अनुसार इसकी कीमत बढ़ती रहती है। बहुत से रत्न व्यापारी अधिक मुनाफे की लालच में कोई भी पीला पत्थर पुखराज बताकर ग्राहक को पकड़ा देते हैं। इसलिए पुखराज खरीदते समय ठगे जाने की संभावना अधिक रहती है।

अगर आप भी पुखराज खरीदने की सोच रहे हैं तो पुखराज पहचानने की सामान्य जानकारी अवश्य प्राप्त कर लेनी चाहिए। असली पुखराज की परख करने के लिए शीशे के एक ग्लास में गाय का दूध रखें। इसके अंदर पुखराज को डाल दें। अगर असली पुखराज होगा तो एक से डेढ़ घंटे में पुखराज की किरण ऊपर से छिटकती नजर आएगी।

जब आप पुखराज खरीद रहे हों तो उसे हाथ में लेकर हिलाएं भार महसूस होगा। असली पुखराज चिकना और साफ होता है। इसे अंगूठा और कनिष्ठा से दबाने पर छिटक कर दूर जाकर गिरता है। पीला पुखराज सरसों के फूल के समान गहरा पीला दिखता है। पुखराज का पीलारंग हरापन लिये नज़र आये तो ऐसा पुखराज बिल्कुल नहीं लेना चाहिए। पुखराज अगर दानेदार अथवा परतदार नज़र आये तो इसे भी नहीं खरीदना चाहिए। उत्तम कोटि के पुखराज को आग पर गर्म करने पर बीच में अस्त होते सूर्य की तरह लाल नज़र आता है।

पुखराज के दोष
धुंधला पुखराज वैभव का नाश करता है। चीरा , गद्दा , दड़क दार या सफेद छीटा होने पर अकाल मृत्यु का घोतक होता है काले या अन्य रंग के छीटा होने पर रोग , शोक अवम संतान को कष्ट प्रदान करने वाला होता है।

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