सास-बहू में रोज़ होता है झगड़ा , परेशान रहते है आप तो , करें यह उपाय
सास-बहू का रिश्ता ऐसा है, जहां खींचातानी होती रहती है। कहा जाता है कि इनके मध्य अक्सर नोकझोंक होती रहती है। किसी भी संयुक्त परिवार में सास एवं बहु अधिकतम समय एक दूसरे के साथ व्यतीत करती हैं,क्योंकि दोनों पर ही घर के कामकाज की जिम्मेदारी होती है. घर में अशांति का मुख्य कारण भी सास एवं बहू के कटु सम्बन्ध होते हैं सास-बहू में न बने तो घर में भी अंशाति का माहौल रहता है। यहां कुछ सरल उपाय बताए गए हैं, जिन्हें अपनाने से सास-बहू के झगड़े कम होंगे अौर दोनों में सदैव प्रेम बना रहेगा।
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सास-बहू में रोज़ होता है झगड़ा , परेशान रहते है आप तो , करें यह उपाय
i) सुबह सूर्योदय से पूर्व उठकर घर में झाडू लगाएं। घर को साफ रखें। इससे सास-बहू के रिश्ते अच्छे रहते हैं।
ii) बहू सुबह शीघ्र उठकर गुड़ मिला जल सूर्य भगवान को अर्पित करें। ऐसा करने से सास बहू के मध्य प्रेम बना रहता है।
iii) मंगलवार को सूजी का हलवा बनाकर मंदिर के बाहर बैठे गरीबों में बांट दें।
इससे सास बहू में अच्छे संबंध बने रहते हैं।
iv) सास-बहू में अधिक लड़ाई-झगड़े हो रहे हैं तो दोनों गले में चांदी की माला धारण करें।
इसके अतिरिक्त एक-दूसरे को सफेद वस्तु न दें।
v) बहू साफ मन से 12 लाल अौर 12 हरी कांच की चूड़ियां अपनी सास को भेंट करें तो दोनों के मध्य मतभेद कम होंगे।
vi) घर की बहू कोे प्रतिदिन पूजा करने के बाद माथे पर हल्दी या केसर का तिलक लगाना चाहिए।
vii) सास-बहू के बीच सदैव झगड़े रहते हों तो बहू मां दुर्गा या मां गौरी को सुनहरे लाल रंग की साड़ी अर्पित करें।
उसके बाद उस साड़ी को अपनी सास को भेंट करें।
ऐसा करके सास भी बहू को साड़ी भेंट कर सकती है। इससे सास-बहू के बीच झगड़ों में कमी आएगी।
viii) हल्दी या केसर की बिंदी माथे पर लगाएं।
ix) शुक्ल पक्ष के प्रथम बृहस्पतिवार से बिंदी लगाना शुरू करें।
x) गले में चांदी की चेन धारण करें।
xi) किसी से भी कोई सफेद वस्तु न लें।
सास बहु के सम्बन्ध मधुर बने रहने के लिए
सास के व्यव्हार में उदारता, धैर्यता,और त्याग का भाव होना आवश्यक है.
अपने सभी प्रियजनों को माएके छोड़ कर आयी बहू को प्यार भरा व्यव्हार ही नए परिवार के साथ जोड़ सकता है
, उसे अपनेपन का अहसास करा सकता है.
और उसके मन में सम्मान और सहयोग की भावना उत्पन्न कर सकता है
.बहु को सिर्फ काम करने वाली मशीन न समझ कर परिवार का सम्माननीय सदस्य माना जाये,
उसके विचारों ,भावनाओं को महत्त्व दिया जाये,
उससे परिवार के विशेष फैसलों में सलाह ली जाय,
तो परिवार की सुख शांति बनी रह सकती है.
यदि सास घर के सारे काम बहू को न सौंप कर स्वयं भी उसके हर कार्य में सहयोग करती रहे
तो उसका स्वयं का स्वास्थ्य भी बना रहेगा और परिवार का वातावरण भी मधुर बना रहेगा.
क्योंकि शरीर को स्वास्थ्य रखने के लिए इसे सक्रिय रखना आवश्यक है
बहू का कर्तव्य है की वह अपने सास ससुर को माता पिता की भांति स्नेह और सम्मान दे, उनके प्रत्येक कार्य में सहयोग दे.
यदि उनके व्यव्हार तानाशाह पूर्ण और अमानवीय नहीं है तो उन्हें पूजनीय मानना चाहिए.
उन्हें स्नेह और सम्मान देकर वह अपने पति के दिल को जीत सकती है
. एक पत्नी के लिए उसका प्यार उसका पति होता है अतः उसके(पति के) प्यारे यानि उसके माता पिता भी तो पत्नी के प्यारे ही हुए.