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एक लड़के ने आलस्य में कर दिया ऐसा काम, घर के बाहर ही प्रेमिका ने तोड़ दिया दम

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आलस्य अच्छे खासे जीवन को बर्बाद कर देता है। आलसी लोगों से अक्सर गलतियां ही होतीं हैं और आलस्य कभी -कभी बड़ी मुसीबत में भी डाल देता है। आज मैं आपको एक लड़के की एक ऐसी ही आलस्य भरी सत्य कहानी बताने जा रहा जिसे जानने के बाद हर आदमी उस लड़के को कोसेगा। आइये जानते हैं उस सत्य कहानी के बारे में।

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  A boy did such work in laziness, girlfriend broke down outside the house
दिल्ली का रहने वाला आशीष श्रीवास्तव दिल्ली के ही एक कालेज में पढ़ता था। उसी कालेज में उसकी मुलाकात मुस्कान श्रीवास्तव से हो गई। धीरे-धीरे दोनों बहुत ही करीब आ गए और एक दूसरे से बहुत ही ज्यादा प्यार करने लगे। आशीष अपनी मोटरसाइकिल से कालेज आता था और मुस्कान अपनी स्कूटी से कालेज आती थी।

दोनों एक दूसरे से इतना प्यार करने लगे कि जब तक एक दूसरे को देख नहीं लेते उन्हें चैन नहीं पड़ता थे। कभी -कभी दोनों पार्क में बैठकर घंटों समय बिताते। कालेज की पढ़ाई ख़त्म होने के बाद आशीष की दिल्ली में ही एक अच्छी पोस्ट पर नौकरी लग गई और मुस्कान भी एक कंपनी में काम करने लगी।

अब दोनों की रोज शाम को मुलाकात होती थी और साथ में चाय पीते और अपने-अपने घर चले जाते। मुस्कान द्वारिका के सेक्टर 5 में रहती थी और आशीष द्वारिका के ही सेक्टर 7 का रहने वाला था। दोनों की प्रेम कहानी बहुत चल रही थी और दोनों दिसंबर 2019 में शादी भी करने वाले थे। लेकिन एक घटना ने आशीष और मुस्कान दोनों की जिन्दगी को बर्बाद कर दिया।

A boy did such work in laziness, girlfriend broke down outside the house
दरअसल 8 सितम्बर 2019 को मुस्कान किसी काम से सेक्टर 7 में किसी काम से गई थी। उसको वापस आने में रात का 11.00 बज गया था। वह आशीष के घर के सामने से ही गुजर रही थी। उसने आशीष के घर की तरफ देखा तो उसी समय सामने से आ रही एक तेज रफ़्तार कार ने उसे टक्कर मार दी। मुस्कान रोड़ के किनारे गिर गई। उसे काफी चोट आयी थी और उसका दाहिना पैर भी टूट गया था। वह बोल नहीं सकती थी।

लेकिन इसके बाद भी उसने हिम्मत दिखाई और आशीष को एक मैसेज किया। उसने लिखा तुम्हारे घर के सामने मेरा एक्सीडेंट हो गया है, प्लीज आकर मुझे बचा लो। आशीष सो चुका था। मैसेज आते ही उसकी आवाज से उसकी नींद खुल गई और उसने मुस्कान का मैसेज पढ़ा। लेकिन मैसेज पढ़ते -पढ़ते ही आलस्य में वह फिर सो गया।

सुबह जब वह उठा और घर बाहर निकला तो उसने काफी भीड़ देखी तो वह भी वहां पहुंच गया। उसने जब सामने का दृश्य देखा तो उसके होश उड़ चुके थे। मुस्कान की आँखें खुलीं थीं और वह इस दुनिया को छोड़ चुकी थी। आशीष भागता हुआ गया और उसने अपना मोबाइल देखा तो चीख-चीख कर रोने लगा।

वह रोशनी से लिपट-लिपट कर रो रहा था। वह कह रहा था मेरे आलस्य ने आज तुझे मुझसे छीन लिया। उसके आंसू नहीं थम रहे थे किन्तु आज मुस्कान को अगर समय से अस्पताल पहुंचाया जाता तो उसकी जान बच सकती थी। आशीष रोशनी को देखकर अपने आंसुओं को अभी भी रोंक नहीं पा रहा था।

दोस्तों, आशीष के बारे में आपके क्या विचार हैं हमें कमेन्ट द्वारा जरूर बताएं और आज से ही जिन्दगी में आलस्य न करने का वादा करें।

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