मोदी कैबिनेट का एक बड़ा फैसला, मुफ्त राशन योजना को एक और साल के लिए बढ़ाया
देश में कोरोना वायरस की स्थिति को लेकर केंद्र सरकार एक्शन मोड में नजर आ रही है. हाई लेवल मीटिंग का दौर चल रहा है। वहीं दूसरी तरफ मोदी कैबिनेट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लिया है. वर्ष 2020 में कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन के बाद शुरू हुई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को अब एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है।
सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत 81.3 करोड़ लोगों को एक साल के लिए मुफ्त अनाज बांटने का फैसला किया है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कैबिनेट बैठक में बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत गरीबों को मुफ्त राशन देने पर करीब दो लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसका बोझ केंद्र सरकार उठाएगी.
कोरोना के बाद इस योजना से करोड़ों लोगों को फायदा हुआ है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने पिछले 28 महीनों में इस योजना पर 1.80 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं. सितंबर में, सरकार ने PMGKAY की समय सीमा तीन महीने बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दी थी।
PMGKY को अप्रैल, 2020 में गरीबों की मदद के लिए लॉन्च किया गया था, जिनकी आजीविका कोरोनोवायरस के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से प्रभावित हुई थी। इस योजना के तहत 80 करोड़ गरीबों को प्रति माह पांच किलो गेहूं और चावल मुफ्त दिया जाता है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत केंद्र सरकार हर गरीब व्यक्ति को 5 किलो राशन मुफ्त देती है। यह योजना कोविड काल से चलाई जा रही है। इस योजना के तहत 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त में गेहूं और चावल दिया जाता है।