मध्य प्रदेश में बड़े स्तर पर चलेगा नसबंदी अभियान हर साल 7 लाख नसबंदी
मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार द्वारा नसबंदी कराने के फरमान को लेकर सियासत में गर्मी बढ़ गई है। बताते चलें कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार ने स्वास्थ्य कर्मचारियों को पुरुषों की नसबंदी करने का टारगेट दे दिया है। जिसको लेकर यह मुद्दा चर्चा का विषय बन गया है। बताते चलें कि मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को हर महीने 5 से 10 पुरुषों की नसबंदी ऑपरेशन करवाना अनिवार्य कर दिया है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कर्मचारी टारगेट पूरा कर पाते पाते हैं तो उनको नो-वर्क, नो-पे के आधार पर वेतन नहीं दिया जाएगा। वही, सरकार के इस फरमान पर सरकारी कर्मचारियों का कहना है कि वह प्रदेश भर के जिलों में घर-घर जाकर परिवार नियोजन बारे में लोगों को जागरूक कर सकते हैं, लेकिन किसी भी व्यक्ति की जबरन नसबंदी नहीं करा सकते हैं।
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टारगेट पूरा करने के मिले निर्देश
प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान समय में मध्य प्रदेश के अधिकांश जिलों में फर्टिलिटी दर तीन है। लेकिन कमलनाथ की सरकार ने इसे 2.1 करने का लक्ष्य रखा है। हालांकि फर्टिलिटी के इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए हर साल करीब 7 लाख नसबंदी की जानी हैं।
वहीं, पिछले साल में हुई नसबंदियों के रिकॉर्ड के बारे में बात करें तो यह आंकड़ा सिर्फ हजारों में ही रह गया था। जिसके चलते राज्य सरकार ने कर्मचारियों को परिवार नियोजन के अभियान के तहत इस टारगेट को पूरा करने का निर्देश दिया है। लेकिन सरकारी कर्मचारियों के द्वारा या टारगेट इतनी जल्दी पूरा करना आसान नहीं होगा।