खांसी से जुड़ी 7 ऐसी बातें जो आपको हमेशा ध्यान रखनी चाहिए
1. जब आप खांसते है या छींक मारते है तो आप सांस लेते हुए गंदे पदार्थो को बूंदों में बाहर निकालते है, जो पांच माइक्रोन से बड़े या फिर हवा में पैदे होने वाली बूंदे जो पांच माइक्रोन से छोटी होती है।
2. खांसी की बूंदे हवा में सिर्फ एक सीमित समय तक ही रह सकती है और इन्हें एक इंसान से दूसरे इंसान तक पहुंचने के लिए 3 फीट से कम खुलासा चाहिए होता है। वहीं फ्लू होने पर यह बूंदे 6 फीट तक संक्रमित हो सकती है। बूंदे का इंफेक्शन मेनिनजाइटिस, रूबेला जैसी बीमारियों में होता है।
3. अगर मरीज से इंसान 6 से दस फीट की दूरी पर है तो है उसे परहेज करने की ज़रूरत नहीं होती लेकिन अगर इंसान खांसी के मरीज के 3 से 6 फीट की दूरी पर बैठकर या काम कर रहा हो तो उसे एक साधारण मास्क पहनना चाहिए।
4. वहीं हवा से फैलने वाले किटाणु जो पांच माइक्रोन से छोटे होते है हवा में काफी देर तक रहते है ओर वह उन इंसानों को भी संक्रमित कर सकते है जो दस फीट की दूरी पर खड़े हो। हवा से फैलने वाली बीमारियों में टीबी, मीज़ल्स, चिकन पाॅक्स और सार्स शामिल है।
5. इस बीमारी से जूझ रहे मरीजों को अलग कमरे में रखना चाहिए और जो लोग इन लोगों के पास जाए उन्हें सुरक्षित एन 95 मास्क पहनना चाहिए।
6. साधारण घरों में जहां पर खिड़किया खुली होती है, वहां पर हवा बदलती रहती है और इंफेक्शन कम होता है लेकिन एसी वाले कमरों में हवा बाहर नहीं निकलती और एक इंसान से दूसरे इंसान में इंफेक्शन जल्दी फैलता है।
7. जब आप एसी वाले कमरे में बैठे हो तो एसी की सेटिंग इस तरह की होनी चाहिए कि एक जैसी हवा कमरे में ना घूमे और ताज़ी हवा को अंदर आने का मौका मिले। इसलिए स्पिल्ट एसी विंडो एसी से ज़्यादा खतरनाक होते है।