भगवत गीता से 10 जीवन सबक, जो आपके जीवन को बदल सकते हैं
भगवत गीता : जो भी हुआ, अच्छे के लिए हुआ। जो भी हो रहा है, अच्छे के लिए हो रहा है। जो भी होगा, अच्छे के लिए भी होगा।
आपको काम करने का अधिकार है, लेकिन काम के फल कभी नहीं। काम करते रहें और बदले में कुछ भी उम्मीद न करें।
आत्मा न तो पैदा हुई है और न ही यह मर जाती है। अगर हममें डर पैदा होता है तो हम कुछ हासिल नहीं कर सकते हैं। डर महत्वाकांक्षा, सपने और यहां तक कि प्रगति का मौका भी मारता है।
आप खाली हाथ आए, और आप खाली हाथ छोड़ देंगे। हमारे पास चीजें नहीं हैं-चीजें हमें रखने लगती हैं।
वासना, क्रोध और लालच आत्म-विनाशकारी नरक के लिए तीन द्वार हैं। ये आपको कभी संतुष्ट नहीं होने देंगे।
मनुष्य अपनी धारणा से बना है। जैसा कि वह मानता है, तो वह है। आप जो सोचते हैं वो आप हैं।
जब ध्यान में महारत हासिल की जाती है, तो मन एक निर्बाध जगह में दीपक की लौ की तरह अविश्वसनीय होता है।
न तो यह दुनिया और न ही दुनिया से परे है। संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए न ही खुशी। संदेह गलतफहमी पैदा करते हैं।
हम अपने लक्ष्य से बाधाओं से नहीं, बल्कि कम लक्ष्य के लिए एक स्पष्ट मार्ग से रखा जाता है। कम के लिए व्यवस्थित न करें, बड़े लक्ष्यों के लिए कड़ी मेहनत करें।
एक व्यक्ति अपने दिमाग के प्रयासों के माध्यम से बढ़ सकता है, या खुद को नीचे खींच सकता है। प्रत्येक व्यक्ति उसका अपना मित्र या दुश्मन है। आप अपने सबसे अच्छे दोस्त हैं, अपने आप में विश्वास करो।