सावन माह में करें बेलपत्र का यह चमत्कारिक उपाय, मन की सभी इच्छाएं पूरी करेंगे भोलेनाथ
शिवभक्त हर वर्ष सावन का महीना एक त्यौहार की तरह मनाते हैं, सावन के पवित्र महीनों में शिव मंदिरों की रौनक देखने लायक रहती है, सभी शिव भक्त मंदिरों के अंदर महादेव की पूजा-अर्चना करते हैं और महादेव की कृपा से मनोवांछित फल प्राप्त होता है, भगवान शिव जी को बहुत सी चीजें अर्पित की जाती है, इन्हीं चीजों में से एक बेलपत्र है, ऐसा बताया जाता है कि बेलपत्र भगवान शिव जी की सबसे प्रिय चीज है।
वैसे तो भगवान शिव जी को बेलपत्र अर्पित किया जाता है परंतु सावन महीने में बेलपत्र की बात ही कुछ और होती है, ऐसा कहा जाता है कि अन्य दिनों से सावन के पवित्र महीने में अगर विधि विधान पूर्वक शिवजी की पूजा करके बेलपत्र अर्पित किया जाए तो इससे देवों के देव महादेव अति शीघ्र प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति जिस चीज की कामना रखता है वह मनोकामनाएं भोलेनाथ अवश्य पूरी करते हैं।
अगर हम शास्त्रों के अनुसार देखें तो भगवान शिवजी को अर्पित की जाने वाली चीजों में से सबसे प्रिय वस्तु बेलपत्र बताया गया है, आप बेलपत्र भगवान शिवजी को अर्पित करके इनको जल्दी प्रसन्न कर सकते हैं और इनकी कृपा दृष्टि आप के ऊपर हमेशा बनी रहेगी, बिना बेलपत्र के शिवजी की उपासना पूरी नहीं मानी जाती है, आज हम आपको बेलपत्र को भगवान शिवजी को अर्पित करते समय किन किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं।
बेलपत्र का उपाय
- अगर आप सावन माह में शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करते हैं तो आपको यह ध्यान रखना होगा कि बेलपत्र की तीन पत्तियां होनी चाहिए और बेलपत्र की पत्तियां कहीं से भी कटि या टूटी हुई ना हो और ना ही पत्तों के अंदर छेद होना चाहिए अन्यथा भोलेनाथ आपसे क्रोधित हो सकते हैं।
- अगर आप सावन के महीने में भगवान शिवजी को बेलपत्र अर्पित करते हैं तो वह बेलपत्र चिकनी और से अर्पित मत कीजिए।
- बेलपत्र अर्पित करते समय आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि आप बेलपत्र को पानी से अच्छी तरह धो लीजिए, आप बेलपत्र को जल से धोकर बार बार भी अर्पित कर सकते हैं।
- अगर आप शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित कर रहे हैं तो आप एक साथ ढेर सारे बेलपत्र अर्पित ना करें, अगर आप शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित कर रहे हैं तो हमेशा एक एक करके ही बेलपत्र अर्पित कीजिए और इस दौरान “ओम नमः शिवाय” मंत्र का उच्चारण जरूर करें।
- आप शिवलिंग पर बेलपत्र 1, 5, 7, 11, 21, 51 या 108 संख्या तक अर्पित कर सकते हैं।
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