सागवान की खेती : एक एकड़ खेत में 120 पेड़ लगाएं और कमाएं अच्छा मुनाफा, चंद सालों में बनें करोड़पति…..
सागौन का पेड़ लगाना: सरकार किसानों को सागौन के पेड़ लगाने की सलाह देती है क्योंकि उन्हें कम लागत में अधिक लाभ मिलता है। इसकी लकड़ी सबसे मजबूत और सबसे महंगी लकड़ियों में मानी जाती है। इससे फर्नीचर, प्लाईवुड बनाया जाता है। इसके अलावा सागौन का उपयोग दवा बनाने में किया जाता है।
सागौन का खेत कितनी दूर है –
सागौन की लकड़ी लंबे समय तक चलने वाली होती है। इसकी खेती के लिए न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 40 डिग्री सेल्सियस को अनुकूल माना जाता है। इसके अलावा सागौन की खेती के लिए जलोढ़ मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। मिट्टी का पीएच 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।
सागौन की खेती के लिए कौन सा मौसम उपयुक्त है? –
सागौन की खेती के लिए प्री-मानसून का मौसम सबसे अनुकूल माना जाता है। अगर इस मौसम में पौधा लगाया जाए तो यह जल्दी बढ़ता है। शुरूआती दौर में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। पहले वर्ष में तीन बार, दूसरे वर्ष में दो बार और तीसरे वर्ष में एक बार खेत से पूरी तरह से निराई-गुड़ाई करनी होती है।
सागौन के पौधे की वृद्धि के लिए सूर्य का प्रकाश आवश्यक है। ऐसी स्थिति में रोपण करते समय याद रखें कि पर्याप्त रोशनी खेत तक पहुंचेगी। पेड़ के तने की नियमित छंटाई और पानी देने से पेड़ की चौड़ाई तेजी से बढ़ेगी।
सागौन का पेड़ जानवरों से नहीं डरता –
सागौन के पत्तों में औषधीय गुण होते हैं। यही कारण है कि जानवर खाना पसंद नहीं करते हैं। साथ ही पेड़ की उचित देखभाल करने से रोग नहीं होता है। इसके विकास में लगभग 10 से 12 वर्ष का समय लगता है। एक किसान को एक पेड़ से कई वर्षों तक लाभ मिल सकता है। सागौन का पेड़ एक बार काटे जाने के बाद वापस उगता है और फिर से काटा जा सकता है। ये पेड़ 100 से 150 फीट ऊंचे होते हैं।
सागौन की कमाई करोड़ों-
सागौन की कीमत की बात करें तो यह लंबाई और मोटाई के आधार पर 25 हजार से 40 हजार रुपये प्रति पेड़ के बीच बिकता है। जानकारों के मुताबिक एक एकड़ खेत में करीब 120 सागौन के पौधे किसानों द्वारा लगाए जाते हैं। एक बार जब ये पेड़ कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं, तो इनसे होने वाला राजस्व करोड़ों में पहुंच जाता है।