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क्या आप जानते हैं आखिर क्यों गांधारी ने श्री कृष्ण को श्राप दिया था- जानिए वजह

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श्री कृष्ण: संसार का सबसे अलौकिक एवं ज्ञान वर्धक ग्रंथ महाभारत है जिसमें कलयुग से जुड़ी कई बातों का जिक्र किया गया है। कहते है कि महाभारत के बाद ही कलयुग के पहले पौरव की शुरुआत हुई थी। भगवान कृष्ण ने जब इस संसार का त्याग किया तो उनके साथ पांचों पांडवों और द्रौपदी ने भी स-शरीर स्वर्ग स्वीकार कर लिया था लेकिन क्या आप जानते है कि श्री कृष्ण की मृत्यु किस वजह से हुई थी? नहीं तो चलिए पढ़ते है एक दिलचस्प एवं छोटी कथा।

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तब दिया गांधारी ने श्रीकृष्ण को श्राप

श्री कृष्ण विष्णु के अवतार थे उन्होंने अधर्म का नाश करने इस संसार में जन्म लिया। कौरवों की माँ गांधारी के 100 पुत्र हुए जबकि पांडव मात्र 5 ही थे लेकिन उनके सर पर श्री कृष्ण का हाथ था इस वजह से युद्ध में उन्हें विजय प्राप्त हुई। युद्ध समाप्त होने के बाद गांधारी अपने पुत्रों की मृत्यु से दुखी हुई और उन्होंने श्री कृष्ण को इसका कारण मानकर उन्हें श्राप देते हुए कहा कि-

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जिस प्रकार उन्होंने कौरवों का नाश करवाया ठीक उसी तरह उनके वंश का भी नाश हो जाएगा। इतना बोलने के बाद गांधारी नारायण के पैरों में गिर पड़ी, क्योंकि वे जानती थी कि कृष्ण साक्षात् ईश्वर है और उन्होंने माफ़ी माँगी। कृष्ण ने गांधारी को शांत करते हुए कहा कि “माता आप दुखी ना हो, यह श्राप मेरी ही इच्छा से मिला है” इतना कहकर कृष्ण जंगल में जाकर एकांत स्थान पर बैठ जाते है।

वहां एक शिकारी भगवान कृष्ण के पैर को हिरण समझकर तीर चला देता है और उसके बाद श्री कृष्ण शरीर को छोड़ अपने वास्तव नारायण रूप में स्वर्ग की ओर प्रस्थान कर देते है। श्री कृष्ण का पूरा वंश आपसी झगड़ो में एक दूसरे का दुश्मन बन जाता है एवं पूरी द्वारका नगरी पानी में डूब जाती है।

यदि आप भी ऐसी पौराणिक अनसुनी जानकारी को पढ़ने में रूचि रखते है तो आपके कीमती सुझाव कमेंट करके बताना ना भूलना।

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