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वाराणसी को काशी-तमिल संगम ट्रेन की सौगात, तमिलनाडु से बनारस पहुंची टीम को रेल मंत्री ने किया संबोधित

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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वाराणसी और तमिलनाडु के बीच काशी-तमिल संगमम नाम से ट्रेन चलाने की घोषणा की है। शुक्रवार रात बनारस पहुंचे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव बरेका सभागार में तमिलनाडु की टीम को संबोधित कर रहे थे. उनकी इस घोषणा पर हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। रेल मंत्री ने कहा कि काशी और तमिलनाडु में कई समानताएं हैं। तमिलनाडु के लोग यहां आकर जो अनुभव ले रहे हैं, उससे एक महान भारत, एक महान भारत का निर्माण होगा।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तमिल को दुनिया की सबसे पुरानी भाषा कहे जाने पर भी बात की। कहा, यहां के तमिल लोग काशी विश्वनाथ की सेवा में लीन रहते हैं। उसके लिए प्रधानमंत्री ने कई तरह की योजनाएं दी हैं। साथ ही स्टेशनों की प्रकृति और तमिलनाडु में एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं पर भी चर्चा की। तमिल संगम के आयोजन के लिए प्रधानमंत्री, यूपी सरकार, बीचएयू आदि का आभार व्यक्त किया। रेल मंत्री ने तमिल में सलामी देकर भाषण की शुरुआत की। संबोधन का तमिल में अनुवाद जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने किया। उन्होंने जल्द ही तमिलनाडु पहुंचने का वादा करते हुए वहां इडली-डोसा खाने की इच्छा भी जताई।

रेल मंत्री ने तमिलनाडु के लोगों से बातचीत की। इसमें लोगों ने काशी में मिले प्यार और स्नेह के अपने अनुभव साझा किए। लोगों के बीच जाइए और हालचाल पूछिए। हाथ मिला कर सेल्फी ली। इसके बाद सभी को 25-25 स्टेज पर बुलाकर सम्मानित किया गया। बरका की महाप्रबंधक अंजलि गोयल के साथ फोटो खिंचवाने वाली अंजलि गोयल ने स्वागत किया।

बता दें कि ‘काशी-तमिल संगमम’ हिंदी बेल्ट और तमिल भूमि, उत्तर भारत और द्रविड़ क्षेत्र को संस्कृत और तमिल जैसे कई द्वंद्वों को एक में मिलाने की एक दीर्घकालिक योजना है। इसके प्रतीक के रूप में काशी को प्रस्तावित किया गया है।

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