रोग सुरक्षा : निपाह, देश में स्थापित हो रहे सैटेलाइट सेंटर जैसे खतरों से निपटने के लिए कड़ी निगरानी की जाएगी
एनआईवी निपाह जैसे जूनोटिक रोगों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। जूनोटिक रोग वे हैं जो जानवरों से फैलते हैं।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) के वैज्ञानिकों का कहना है कि निपाह वायरस भविष्य में एक बड़ा खतरा हो सकता है। सरकार के शीर्ष अनुसंधान संस्थान ने रोग की घटनाओं पर नजर रखने के लिए चमगादड़ों की निगरानी शुरू कर दी है।
एनआईवी निपाह जैसे जूनोटिक रोगों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। जूनोटिक रोग वे हैं जो जानवरों से फैलते हैं। संस्थान की निदेशक प्रिया अब्राहम के अनुसार वर्ष 2024 तक नागपुर में एक स्वास्थ्य के लिए एक उपग्रह केंद्र स्थापित किया जाएगा। संस्थान विभिन्न बीमारियों से निपटने के लिए जानवरों, मानव वायरस और पर्यावरण पर शोध करेगा।
दो साल में बनकर तैयार हो जाएगा
अब्राहम ने कहा कि केंद्र अगले दो साल में बनकर तैयार हो जाएगा। कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है और उन्नत कंप्यूटिंग उपकरण यहां रखे जाएंगे। हम एक बायो सेफ्टी लेवल 3 लैब बनाएंगे ताकि यह लैब मानव और जानवरों के संक्रमण को नियंत्रित करने में सक्षम हो।