महिलाओं की देखभाल: प्रेग्नेंसी में उपयोगी बटरफ्लाई पोज, दूर होंगी महिलाओं की 4 समस्याएं
Sabkuchgyan Team, नई दिल्ली, 16 जनवरी 2022. बटरफ्लाई पोज से महिलाओं को होता है फायदा: महिलाओं को अक्सर कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आप उनके लिए बटरफ्लाई पोस्चर उपयोगी हो सकते हैं। इसका अर्थ है तितली की स्थिति में बैठना। स्वस्थ रहने के लिए रोजाना बटरफ्लाई योगा करना काफी फायदेमंद माना जाता है। (Butterfly pose )
यह इम्युनिटी बढ़ाने के साथ-साथ पाचन तंत्र को भी मजबूत करने में मदद करता है। यह मन की शांति भी देता है जो महिलाओं को तनाव और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से बचने में मदद करता है। आइए आपको बताते हैं तितली आसन कैसे करें और इसके फायदे।
तितली आसन कैसे करें? (Butterfly pose )
सबसे पहले जमीन पर चटाई बिछाकर आरामदेह स्थिति में बैठ जाएं। आप चाहें तो दंडासन की स्थिति में भी बैठ सकते हैं।
अब अपने दोनों पैरों को आगे की ओर फैलाएं।
फिर धीरे-धीरे पैरों को मोड़ें और दोनों घुटनों और तलवों को आपस में मिला लें।
फिर दोनों हाथों की मदद से दोनों जाँघों को ज़मीन पर टिका दें और पैरों के तलवों को दोनों हाथों से पकड़ लें।
अपनी आँखें बंद करो और ध्यान करो। फिर अपने पैरों को तितली की तरह घुमाएं और कुछ सेकंड के लिए इसी स्थिति में रहें।
फिर सामान्य स्थिति में लौट आएं।
इस आसन को 4-5 बार दोहराएं।
तितली मुद्रा महिलाओं को लाभ
महिलाओं के लिए बटरफ्लाई pose के फायदे
मांसपेशियां होंगी मजबूत : इस आसन को करने से मांसपेशियों का तनाव कम होता है और वे मजबूत बनते हैं। यह भविष्य में घुटने के दर्द के जोखिम को भी कम करता है।
कमर दर्द से राहत : महिलाओं को अक्सर कमर दर्द जैसी पीठ की समस्या से जूझना पड़ता है। तितली आसन को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। इससे शरीर में तनाव पैदा होता है और कमर दर्द से राहत मिलती है।
पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं : इस आसन को करने से ओवरी में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है जिससे अनियमित पीरियड्स की समस्या दूर हो जाती है। साथ ही इससे पीरियड्स के दौरान तेज दर्द नहीं होता है।
जननांगों को लाभ : प्रतिदिन तितली आसन करने से जननांगों में रक्त संचार बेहतर होता है। इससे न सिर्फ फर्टिलिटी बढ़ती है बल्कि कई बीमारियों का खतरा भी कम होता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए उपयोगी : बटरफ्लाई सीट गर्भवती महिलाओं के लिए भी बहुत उपयोगी होती है। इससे पेट दर्द से राहत मिलती है। यह कूल्हों, जांघों और श्रोणि क्षेत्र के लिए एक ऐसा व्यायाम है जो प्रसव को आसान बनाता है। लेकिन कोई भी व्यायाम करने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं मान्यताओं पर आधारित हैं. Sabkuchgyan इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें. इस खबर से सबंधित सवालों के लिए कमेंट करके बताये और ऐसी खबरे पढ़ने के लिए हमें फॉलो करना ना भूलें – धन्यवाद