भारतवंशी अनिल मेनन भी नासा के मून मिशन के 10 अंतरिक्ष यात्रियों में शामिल
वाशिंगटन, 08 दिसंबर। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने महत्वाकांक्षी मून मिशन के लिए चुने गए 10 अंतरिक्ष यात्रियों में अमेरिकी वायुसेना में लेफ्टिनेंट कर्नल और स्पेसएक्स के पहले फ्लाइट सर्जन भारतवंशी अनिल मेनन भी शामिल हैं। (Anil Menon NASA One of the 10 astronauts on Moon mission)
अमेरिका के मिनेसोटा के मिनीपोलिस में जन्मे मेनन वर्ष 2018 में एलन मस्क की अंतरिक्ष कंपनी स्पेसएक्स का हिस्सा बने और डेमो-2 अभियान के दौरान मानव को अंतरिक्ष में भेजने के मिशन में मदद की। मेनन पोलियो टीकाकरण के अध्ययन व समर्थन के लिए बतौर रोटरी एंबेसडर वह भारत में एक साल रह चुके हैं। इससे पहले वर्ष 2014 में वह नासा से जुड़े और विभिन्न अभियानों में फ्लाइट सर्जन की भूमिका निभाते हुए अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आइएसएस) पहुंचाया। वर्ष 2010 के हैती व वर्ष 2015 के नेपाल भूकंप तथा वर्ष 2011 में हुए रेनो एयर शो हादसे के दौरान मेनन ने ही बतौर चिकित्सक पहली प्रतिक्रिया दी थी।
वायुसेना में मेनन ने बतौर फ्लाइट सर्जन 45वीं स्पेस विंग व 173वीं फ्लाइट विंग में सेवाएं दीं। वह 100 से ज्यादा उड़ानों में शामिल रहे और क्रिटिकल केयर एयर ट्रांसपोर्ट टीम का हिस्सा रहते हुए इतनी ही संख्या में मरीजों का परिवहन किया। वह जनवरी 2022 से अंतरिक्ष यात्री का प्रारंभिक प्रशिक्षण शुरू करेंगे जो दो वर्षो तक जारी रहेगा।
नासा ने सोमवार को अंतरिक्ष यात्रियों की नई श्रेणी की घोषणा की। इनमें छह पुरुष व चार महिलाएं शामिल हैं। मार्च 2020 में 12,000 यात्रियों ने इसके लिए आवेदन किया था। ये अंतरिक्ष यात्री आर्टेमिस जनरेशन का हिस्सा होंगे। यह नाम नासा के आर्टेमिस कार्यक्रम से प्रेरित है, जिसके तहत पहली महिला और पुरुष को वर्ष 2025 की शुरुआत में चंद्रमा की सतह पर भेजने की योजना है। नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने एक समारोह के दौरान भावी अंतरिक्ष यात्रियों का स्वागत करते हुए कहा, ‘अपोलो जनरेशन ने बहुत कुछ किया। अब यह आर्टेमिस जनरेशन है।’