भाजपा सांसद को आप विधायक ने दिया धक्का – सिग्नेचर ब्रिज राजनीति का बना अखाडा
आम आदमी पार्टी के नेता व सीएम अरविंद केजरीवाल व मनीष सिसोदिया ने सिग्नेचर ब्रिज का किया उद्घाटन, कार्यक्रम में पहुंचे भाजपा सांसद को आप विधायक ने दिया धक्का, अब इस पूरे मामले पर तेज हो गई राजनीति.
सिग्नेचर ब्रिज का उद्घाटन करते सीएम केजरीवाल व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया
आम आदमी पार्टी व भारतीय जनता पार्टी दिल्ली में सिग्नेचर ब्रिज पर अपनी होड़ लेने के चक्कर में दिल्ली की इस शान पर एक दाग लगा दिया। कॉमनवेल्थ गेम को लेकर यमुना नदी पर बनने वाले इस सिग्नेचर ब्रिज की पूरी रूपरेखा कांग्रेस की शीला दीक्षित सरकार में तय की गई थी। 2010 में तैयार हो जाने वाला यह पुल लगातार लटकता रहा। अब बनकर तैयार हुआ तो उद्घाटन समारोह में हुए हंगामा के कारण चर्चा में आ गया है। सांसद व दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी को आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने धक्का मारा। इस पूरे मामले में गलती की बात करें तो किसी एक दल को जिम्मेदार ठहराना सही नहीं होगा। हालांकि, खामियाजा जिसकी कुछ अधिक गलती है, उसे भुगतना पड़ेगा। अब गलती किसकी ज्यादा है, उसको तय करने में दोनों दल जुट गए हैं।
सिग्नेचर ब्रिज पर अगर कोई एक सरकार श्रेय ले, यह ठीक नहीं लगता। लेकिन राजनीतिक परंपराओं के गौण होते इस काल में नैतिकता क्षीण होती जा रही है। हालांकि, इस पूरे मामले में मुझे एक घटना याद आ रही है। बिहार की राजधानी पटना में दीघा-सोनपुर रेल सह सड़क पुल का उद्घाटन समारोह था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे। 12 मार्च 2016 को हुए इस कार्यक्रम में तब महागठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी आमंत्रित किया गया था। हालांकि, इस कार्यक्रम में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव को भी बुलाने की मांग उठी थी। यह सामान्य राजनीतिक परंपरा है, जिसका निर्वाह हमेशा किया जाता है।
सांसद मनोज तिवारी की पुलिसवालों से भी हुई झड़प
पार्टी विद डिफरेंस के नारे के साथ सत्ता में आई अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी लगातार विवादों में घिरती नजर आ रही है। कभी मुख्य सचिव के साथ मारपीट का मामला हो या फिर सांसद मनोज तिवारी के साथ धक्का-मुक्की का। भले आज विधायक अमानतुल्लाह खान सफाई दे रहे हों कि मनोज तिवारी बिना बुलाए आ गए थे। मंच पर चढ़ने का प्रयास कर रहे थे। हमने उन्हें धक्का नहीं दिया। रोकने का प्रयास किया। लेकिन, इस घटना के वायरल वीडियो में मनोज तिवारी मंच के एक किनारे पर उपेक्षित से खड़े नजर आ रहे हैं। मीडिया अट्रैक्शन जैसे ही अरविंद केजरीवाल से हटकर मनोज तिवारी की तरफ बढ़ा, विधायक जी आगबबूला हो गए। वीडियो में साफ दिख रहा है कि वे सांसद तिवारी को धक्का मार रहे हैं।
दिल्ली की शान बताया जाने वाला सिग्नेचर ब्रिज राजनीति का बना अखाडा
सांसद मनोज तिवारी बिना बुलाए कार्यक्रम में क्यों गए? वहां उन्होंने हंगामा क्यों किया? यह सारे सवाल सही हैं। ये सवाल पूछे जाने चाहिए। लेकिन, सिग्नेचर ब्रिज के निर्माण में मनोज तिवारी द्वारा किए गए आंदोलनों को भी तो भुलाया नहीं जा सकता। मतलब, उन्होंने भी इस पुल के लिए पसीना बहाया। शीला दीक्षित ने पुल को मंजूरी दी। ऐसे में केजरीवाल सरकार का दायित्व था कि एक न्योता जरूर इन दलों के प्रतिनिधियों को भेजकर एक अलग प्रकार की राजनीति को शुरू कर सकते थे। लेकिन, हंगामा ने उनकी ही सूरत बिगाड़ी है। जरा सोचिए, कांग्रेस व भाजपा नेताओं के सामने जब सीएम केजरीवाल पुल निर्माण में देरी के लिए खरी-खरी सुनाते तो वह अधिक असरदार होता। अब भाजपा इस मामले को मुद्दा बनाएगी। वायरल वीडियो सहानुभूति बटोरने के लिए काफी है।
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