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पिपली से होते हैं 5 बेमिसाल फायदे, 99% लोग इन फायदों के बारे में नहीं जानते होंगे

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पिपली साधारणतया गरम मसले की सामग्री के रूप में जानी जाती है। पिपली की कोमल लताएँ 1-2 मीटर जमीन पर फैलती है। ये गहरे हरे रंग के चिकने पत्ते 2-3 इंच लम्बे एवं 1-3 चौड़े हृदयाकार के होते हैं। इसके कच्चे फल पीले होते हैं तथा पकने पर गहरा हरा फिर काला हो जाता है। इसके फलों को ही पिपली कहते हैं।

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  There are 5 unmatched benefits from Pipli, 99% of people would not know about these benefits.

पिपली का औषधीय रूप में प्रयोग कियाजाता है। इसके द्वारा कई बीमारियों को ठीक किया जा सकता है। आज मैं आपको पिपली के पांच महत्वपूर्ण फायदे बताने जा रहा हूँ। 99 प्रतिशत लोग पिपली के ये फायदे नहीं जानते होंगे। आइये जानते हैं।

1. आँखों की तकलीफें

पिपली का पाउडर बना कर आँखों में लगायें। इससे विज़न प्रॉब्लम और नाईट ब्लाइंडनेस ठीक होती है। एक भाग पिपली और 2 भाग हरीतकी को पानी के साथ पीस कर उसकी बत्तियां बना कर आँखों में रखने से ऑय-फ्लू और आँखों से पानी बहने की समस्या हल होती है।

2. लैक्टेशन के लिए

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2 ग्राम पिपली और ऐस्पैरागस खाने से महिलाओं में लैक्टेशन बढ़ता है। 2 भाग पिपली, 2 भाग सोंठ और 2 भाग आंवला पाउडर में 3 ग्राम गुड़ मिलाकर दूध और घी के साथ बच्चों को फीड करने वाली महिलाओं को देने से लैक्टेशन बढ़ता है।

3. हर्निया में लाभकारी

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पिपली, जीरा, कूथ और गाय का गोबर बराबर मात्रा में चावल के दलिए के साथ मिला कर पेस्ट बनायें और अप्लाई करें। यह सिर्फ शुरूआती दौर में ही किया जा सकता है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो फिर सर्जरी के अलावा कोई विकल्प नहीं।

4. पाइल्स के लिए

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पिपली पाउडर एक चम्मच, सिका हुआ जीरा एक चम्मच, बटर में मिला हुआ सेंधा नमक सुबह खाली पेट लेने से पाइल्स में आराम मिलता है। पिपली, सेंधा नमक, कूठ और सिरसा सीड्स को बराबर मात्रा में मिलाकर पाउडर बनाएं। इसको कैक्टस के दूध या बकरी के दूध में मिक्स करके पेस्ट बनाकर ऑइंटमेंट की तरह लगायें। पाइल्स और बवासीर कम होने लगेंगी। कैक्टस का दूध बहुत जबर्दस्त असर करता है इसलिए इसे लगाते समय सावधानी बरतें।

5. पीरियड्स और प्रेगनेंसी के लिए

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पिपली, सोंठ, पेप्पर, नाग चंपा तो बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बनाएं। अगर इसे घी में मिक्स करके दूध के साथ लिया जाता है तो बाँझ महिलाएं आसानी से कंसीव कर सकती हैं। यूट्रस से सम्बंधित जलन या अन्य तकलीफें इसी चूर्ण से ख़त्म हो सकती हैं।हार्मोनल इम्बेलेंस और मेन्स्ट्रुअल पेन के लिए यह दवा बहुत प्रभावशाली है। इस दवा को दो से तीन महीने लगातार सुबह और शाम लेना चाहिए।

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