centered image />

ठीक 23 साल पहले ठेले वाले ने लड़की की बचाई थी जान, फिर लड़की ने ऐसे चुकाया एहसान

0 1,039
Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now

जिन्दगी कब किस मोड़ पर आकर खड़ी हो जाए यह किसी को नहीं पता। जिन्दगी कभी कूड़े के ढेर में रुलती है तो कभी आसमान में उड़ने लगती है। दोस्तों इंसान बनाया ही गया है, इंसान की सहायता करने के लिए लेकिन कोई अपना कर्तव्य निभाता है तो ज्यादातर लोग पीछे हट जाते है। आज की घटना कुछ ऐसी ही है. मंगलवार का दिन था सोबरन अपना सब्जी का ठेला लेकर घर की तरफ मुडा. थोड़ी दूर चलने पर झाड़ियों से एक बच्चे की रोने की आवाज सोबरन के कानों में पड़ी। सोबरन ने आपना ठेला रोंका और उस तरफ जाकर झाड़ियों में देखा तो वह हैरान रह गया। एक मासूम बच्चा कूड़े के ढेर पर पड़ी चीख चीख कर रो रहा था ।

सरकारी नौकरियां यहाँ देख सकते हैं :-

सरकारी नौकरी करने के लिए बंपर मौका 8वीं 10वीं 12वीं पास कर सकते हैं आवेदन

1000 से भी ज्यादा रेलवे की सभी नौकरियों की सही जानकारी पाने के लिए यहाँ क्लिक करें 

सोबरन ने इधर उधर देखा और जब कोई नजर नही आया तो उसने उसे गोद में उठा लिया। सोबरन ने देखा की वो एक प्यारी लड़की है। सोबरन उसे अपने घर ले आया। सोबरन की उस समय आयु 30 साल थी और उसका विवाह भी नहीं हुआ था। सोबरन उस बच्ची को पाकर बहुत प्रसन था। उसने बच्ची को पालने और शादी न करने का निर्णय लिया। यह घटना है राजस्थान के जिला बीकानेर की जहाँ सोबरन रोजी रोटी के लिए अपना सब्जी का ठेला चलाता था। उसी वक्त यह लड़की सोबरन को मिली थी। सोबरन ने कठिन परिश्रम कर उसे अपनी बेटी की तरह पोषण कर और उस बच्ची का नाम रखा ज्योती। सोबरन दिन और रात परिश्रम कर अपनी बेटी को पढ़ाया.

खुद एक बार भूखा रह जाता लेकिन अपनी बेटी को कभी किसी चीज की कमीं नहीं आने देता था। सोबरन ने 2013 में कम्प्युटर साइंस से स्नातक कराया और इसके पश्चात ज्योती तैयारी में जुट गई। इसके पश्चात 2014 में ज्योती ने राजस्थान लोक सेवा आयोग से पीसीएस की परीक्षा में कामयाबी हासिल की और उसे आयकर सहायक आयुक्त के पद पर नियुक्त कर दिया गया।

Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now
Ads
Ads
Leave A Reply

Your email address will not be published.