मेहता साहेब ..” चुरा के दिल मेरा, बबिता चली”….
जेठालाल स्पेशियल :
अहमदाबाद की धुप से स्किन मेरी जली ..
वाह वाह ….
अहमदाबाद की धुप से स्किन मेरी जली ..
जेठालाल बोले , “मेहता साहेब ..”
चुरा के दिल मेरा, बबिता चली ..
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जेठालाल –
अगर मेरी शादी मेरी मर्जी से होती ..
वाह वाह ….
अगर मेरी शादी मेरी मर्जी से होती ..
तो टपुडा ,
तेरी मम्मी दया नहीं .. बबिता होती ..
हर शाम सुहानी नहीं होती ..
हर चाहत के पीछे कहानी नहीं होती ..
कुछ तो असर ज़रूर होगा महोब्बत में ..
वरना गोरी बबिता काले अय्यर..
की दीवानी नहीं होती
एग्जाम के टाइम पे नींद अच्छी आती हैं ..
वाह वाह ….
एग्जाम के टाइम पे नींद अच्छी आती हैं ..
जेठालाल के दुकान जाने के टाइम पर ही ..
बबिता निचे क्यों आती हैं ?