चाणक्य के अनुसार धन से बड़ी कौन सी ऐसी चीज हैं जो मनुष्य नहीं जानता, जाने इसका जवाब
अगर बुद्धिमता की बात की जाय तो चाणक्य का नाम सर्व प्रथम लिया जाता हैं क्योंकि चाणक्य जैसा बुद्धिमान और चालक कोई कोई ऐसा व्यक्ति था नहीं| इसलिए आज भी लोग चाणक्य नीतिया पढ़ते हैं और उसे अपने दैनिक जीवन में लाने की कोशिश करते हैं|
लोग चाणक्य को आचार्य चाणक्य जी कहते थे हैब उनसे पूछा गया कि दुनिया में सबसे बड़ी चीज क्या हैं जो धनवान और गरीब को ईश्वर ने एक समान दी है, लेकिन उसका इस्तेमाल सिर्फ समार्थ्य सिर्फ अमीरो को क्यों दिया गया हैं| चाणक्य ने सोच विचार करते हुए बताया की घटिया लोग ही धन के लोभ में अंधे रहते हैं और जो मध्यम वर्गीय लोग होते हैं वे धन के साथ-साथ अपनी इज्जत भी चाहते हैं|
अच्छे लोग केवल सिर्फ आदर सत्कार के भूखे रहते हैं, लेकिन याद रखने वाली बात यह है कि धन से भी बढ़कर आदमी की प्रतिष्ठा होती है| अगर इंसान की समाज और देश में कोई प्रतिष्ठा नहीं है तो उसका जीवन व्यर्थ हैं उसका कोई जीवन नहीं होता हैं| चाणक्य जी का यह मानना हैं अगर धन चला जाये तो उसे वापिस कमा सकते हैं लेकिन प्रतिष्ठा नहीं|