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गर्मियों में एसिडिटी का इलाज करने के 5 बेहतरीन तरीके

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 जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है, वैसे-वैसे तापमान भी बढ़ता है। गर्मी कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनती है। खासकर पेट की समस्या। सबसे बड़ी समस्या है एसिडिटी! ऐसा इसलिए क्योंकि गर्मियों में ज्यादातर लोगों को अपच की समस्या (एसिडिटी ट्रीटमेंट) का सामना करना पड़ता है।

इसलिए इस दौरान प्रश्न प्रस्तुत किए जाते हैं कि एसिडिटी से कैसे छुटकारा पाया जाए, एसिडिटी (एसिडिटी ट्रीटमेंट) के घरेलू उपाय क्या हैं।

इस दौरान आहार पर पूरा ध्यान देना जरूरी है, क्योंकि कुछ खाद्य पदार्थ शरीर को गर्म कर सकते हैं और ब्लोटिंग या एसिडिटी जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं।

कुछ चीजें हैं जो प्राकृतिक रूप से एसिडिटी को ठीक कर सकती हैं। अगर आपके पेट में गैस या एसिडिटी की समस्या है तो इन टिप्स को अपनाकर आप गर्मियों में कमाल कर सकते हैं।

1) नारियल पानी
इस ताजे प्राकृतिक पेय में सफाई के गुण होते हैं जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। नारियल पानी में फाइबर भी अधिक होता है और नियमित मल त्याग में मदद करता है और एसिड रिफ्लक्स से भी राहत दिलाता है।

2) ठंडा दूध
दूध एसिडिटी से निपटने का एक और बेहतरीन तरीका है। दूध पेट के एसिड को अवशोषित करता है और जठरांत्र संबंधी मार्ग में नाराज़गी को रोकता है। जब पेट में एसिडिटी बढ़ जाए या सीने में जलन महसूस हो तो एक गिलास सादा ठंडा दूध पिएं।

3) छाछ और दही
दूध के अलावा अन्य नर्म खाद्य पदार्थ (पनीर को छोड़कर) दही और छाछ भी एसिडिटी से राहत दिलाते हैं। ये उत्पाद पेट को ठंडा करते हैं और प्राकृतिक जीवाणु अम्लों के निर्माण को रोकते हैं। ये पूरे पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। भोजन के बाद नियमित रूप से दही और छाछ का सेवन एसिड पित्त की संभावना को रोकने का एक शानदार तरीका है।

4) केला
यह एसिड रिफ्लक्स के लिए बेस्ट है। केले में मौजूद पोटेशियम पेट की परत में बलगम पैदा करता है,
जो शरीर में पीएच लेवल को कम करता है।
इसके अलावा केले में फाइबर की मात्रा अधिक होती है। गर्मियों में अधिक पके केले खाने से एसिडिटी दूर रहती है।

5) खरबूज (Muskmelon)
खरबूजा एंटी-ऑक्सीडेंट और फाइबर से भरपूर होता है। यह एसिड भाटा और पेट की अन्य बीमारियों से बचाने में मदद करता है।
इन फलों के शीतलन गुण और उच्च पानी की मात्रा शरीर को हाइड्रेट करने और पीएच स्तर को कम करने में मदद करती है।
सेब और पपीता जैसे अन्य फल भी फाइबर के अच्छे स्रोत हैं और एसिडोसिस को रोकने में मदद करते हैं।

 

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