किसानों ने शांतिपूर्ण आंदोलन से सरकार को कृषि कानून वापस लेने के लिए मजबूर किया : सिसोदिया
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने इन्हें वापस लेने के लिए केन्द्र सरकार को मजबूर कर दिया। इस किसान आंदोलन ने आने वाली पीढ़ी के लिए एक उदाहरण रखा है कि किस प्रकार सत्ता के खिलाफ शांतिपूर्ण आन्दोलन कर अपनी बात मनवाई जा सकती है।
सिसोदिया ने शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा के एक दिवसीय सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के इतिहास में यह हमेशा याद किया जाएगा कि जब किसान शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे थे तब केन्द्र सरकार एक साल तक उनकी बातों को अनसुना करती रही। सिसोदिया ने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए केंद्र सरकार ने 100 करोड़ रुपये खर्च किए।
उल्लेखनीय है कि कृषि से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए आज दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था । इस सत्र में दिल्ली के किसानों, उन्हें दिए जाने वाली सुविधाएं, देश में किसानों के हालात, विरोध-प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि देने, फसलों की एमएसपी, मंडियों की उपयोगिता सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की जानी थी।