कम उम्र में हो सकता है हार्ट अटैक, ऐसे करें अपने यंग हार्ट का ख्याल
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दशकों पहले, 40 वर्ष से अधिक उम्र के अधिकांश लोगों को दिल का दौरा, कोरोनरी धमनी की बीमारी जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा था, लेकिन अब उन्हें कम उम्र में ही दिल का दौरा पड़ने लगा है।
उम्र के साथ हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। कम उम्र से ही स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर इस बीमारी को रोका जा सकता है, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों की मृत्यु के मामले में दुनिया में पहले स्थान पर है।
दिल की बीमारी से मौत का खतरा
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, गैर-संचारी रोगों से जुड़ी 45 प्रतिशत मौतों के लिए कोरोनरी धमनी रोग, दिल का दौरा और उच्च रक्तचाप जिम्मेदार हैं। वहीं, 22 फीसदी सांस की बीमारियों से, 12 फीसदी की कैंसर से और 3 फीसदी की डायबिटीज से मौत होती है।
कम उम्र में हृदय रोग से बचें
कम उम्र में होने वाले लगभग 80 प्रतिशत दिल के दौरे को रोका जा सकता है, हालांकि जल्द ही कार्रवाई की जा सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार धूम्रपान से बचना चाहिए, स्वस्थ भोजन, नियमित व्यायाम, उचित वजन, रक्तचाप, शुगर, कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम उम्र से ही शुरू कर देना चाहिए।
हृदय रोग क्यों होता है?
हृदय रोग मुख्य रूप से धमनी की दीवार पर वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों के जमा होने के कारण होता है, जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस के रूप में जाना जाता है। यह कम उम्र में बनना शुरू हो जाता है और उस क्षेत्र को अवरुद्ध कर देता है जहां हृदय शरीर के ऊतकों में पर्याप्त रक्त पंप करने में असमर्थ होता है। यह हृदय और रक्त वाहिकाओं से संबंधित विभिन्न रोगों का कारण बनता है।
हृदय रोग के लक्षण
डॉक्टरों के अनुसार दिल के विशेष लक्षणों में व्यायाम के दौरान सीने में दर्द या एनजाइना (आराम से राहत) शामिल हैं। इनमें सांस की तकलीफ, पसीना, घबराहट और गैस्ट्र्रिटिस शामिल हैं।