एलएसी पर तनाव बढ़ा, चीन ने लद्दाख सीमा पर 50,000 सैनिकों की तैनाती की, जानें भारत की तैयारी
नई दिल्ली, रविवार, 4 जुलाई, 2021 | पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन के बीच विभिन्न स्तरों पर बातचीत चल रही है, लेकिन दूसरी ओर खबर है कि बीजिंग ने सीमा पर सैनिकों की संख्या में काफी वृद्धि की है। चीन की कार्रवाई की गंभीरता को देखते हुए भारत ने भी सीमा पर 50 हजार सैनिकों को तैनात कर दिया है। भारत और चीन दोनों की ओर से एलएसी पर इतनी बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती को एक बड़े सैन्य संकट के रूप में देखा जा रहा है.
वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने पिछले साल गालवान में हुई हिंसक झड़पों के बाद वहां तैनात सैनिकों की संख्या से 15,000 अधिक सैनिक सीमा पर भेजे हैं। रिपोर्ट में खुफिया और सैन्य अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा गया है कि पिछले कुछ महीनों में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने चल रही बातचीत के बीच पूर्वी लद्दाख के अशांत क्षेत्र के आसपास सैनिकों की संख्या 50,000 से अधिक कर दी है। जो निश्चित रूप से भारत के लिए चिंता का विषय है। यह सीमा विवाद को सुलझाने के चीन के इरादों पर भी सवाल उठाता है।
भारत ने लद्दाख में एलएसी के साथ-साथ चीन का मुकाबला करने के लिए अतिरिक्त स्ट्राइक कॉर्प्स को तैनात किया है। मथुरा की वन स्ट्राइक कोर को लद्दाख की उत्तरी सीमा पर भेजा गया है। 17 माउंटेन स्ट्राइक कोर को अतिरिक्त 10,000 सैनिकों के साथ प्रदान किया गया है और पूरे उत्तर-पूर्वी राज्यों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वायुसेना ने भी अपने स्तर पर काम करना शुरू कर दिया है। राफेल के साथ ही उत्तरी सीमा क्षेत्र में मिग-29 और सुखोई-30 विमानों का बेड़ा सक्रिय रहेगा। ऑपरेशन के लिए राफेल की दूसरी स्क्वाड्रन को भी तैनात किया जा सकता है।
राफेल के साथ-साथ टी-90 भीष्म टैंक, पिनाका रॉकेट, अपाचे, चिनूक जैसे लड़ाकू विमानों को भी सीमा पर तैनात किया गया है। सेना ने पहली बार LAC पर K-9 आर्टिलरी तैनात की है। खास बात यह है कि इन तोपों में पहिए होते हैं, इसलिए इन्हें चलाने के लिए किसी और वाहन की जरूरत नहीं होती है। सेना ने एम-777 आर्टिलरी गन भी तैनात की है। इसके अलावा भारत ने हवाई सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं।