एक लड़के ने इस मुस्लिम लड़की की बचाई थी जान किन्तु इसके बाद जो हुआ जान कर हैरान रह जायेंगे
आदमी सारी उम्र सीखता रहता है किन्तु उसके बाद भी उसका ज्ञान अधूरा ही रहता है। अपनी जिंदगी में कभी -कभी अच्छे काम करने के बाद भी उसे मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। कुछ लोग तो सारी जिंदगी में अच्छा ही करना चाहते हैं किन्तु हालत उसे अच्छा न करने को मजबूर करते हैं। आज के समय में वैसी भी बहुत कम लोग हैं जो अपने को दूसरों के प्रति समर्पित करने को तैयार रहते हैं किन्तु कुछ घटनाएं इंसान की जिंदगी को बदल देतीं हैं। आज की घटना भी कुछ ऐसी है, जिसमें भलाई करने का परिणाम भी बुरा मिला। आइये जानते हैं उस घटना के बारे में …
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यह घटना हमारे ब्लॉग ईमेल पर कुमार शास्ता ने भेजी है। यह घटना सत्य है। यह घटना कोल्हापुर महाराष्ट्र की है। इस घटना ने मुझे भी बहुत कुछ सिखाया और इसी लिए मैं इसे सभी पाठकों के समक्ष भी पहुंचाना चाहता हूँ। अवधेश वर्मा कोल्हापुर का रहने वाला था और मुम्बई से बीटेक की पढ़ाई कर रहा था। दिनांक 05 जनवरी 2019 को अवधेश वर्मा मुम्बई से अपने घर के लिए निकला था।
अवधेश वर्मा अपनी खुद की मोटरसाइकिल से आ रहा था। रास्ते में मुम्बई हाइवे पर उसने देखा कि कुछ लोग एक लड़की को खींचकर एक बेन में डाल रहे थे। अवधेश एक जवान युवक था। उसने जब यह सब देखा तो उसका खून खौल उठा और वह वैन के पास जाकर उस लड़की को बचाने लगा। वैन में तीन लोग थे। अवधेश उन लोगों से भिड़ गया। काफी देर तक अवधेश उन लोगों से संघर्ष करता रहा। जब उन लोगों ने सोंचा कि अब इस लड़के से टक्कर लेना मुश्किल है, तो उन लोगों ने अवधेश पर गोलियां चला दीं और वैन लेकर भाग गए किन्तु अवधेश बुरी तरह से जख्मी हो गया। अवधेश ने उस लड़की की मदद से अपने घर वालों को सूचना दे दी और स्वास्थ्य विभाग की एम्बुलेंस द्वारा यमुना अस्पताल में पहुँच गया। उस लड़की का नाम अरूसा खान था। अरूसा वाशी की रहने वाली थी और उस दिन खरीददारी करके इनोर्विट माल से आ रही थी।
अरूसा के पिता लियाकत खान एक प्लास्टिक की फैक्टरी चलाते हैं। अवधेश की जान बच गई किन्तु एफआईआर के समय अरूसा बिल्कुल मुकर गई और उसने किसी भी हादसे के होने से साफ़ इन्कार कर दिया। अवधेश बहुत दुखी था और वह उन लोगों को सजा दिलाना चाहता था किन्तु अरूसा ने उसका साथ नहीं दिया। जब अवधेश ने अरूसा से पुलिस को सच बताने पर दबाव डाला तो उसके पिता ने अवधेश को ही जान से मार देने की धमकी दे दी। अवधेश बिल्कुल टूट गया था।
अवधेश ने सपने में भी नहीं सोंचा था कि जिसे वह बचाने जा रहा है वही उसे धोखा देगी । हालांकि अवधेश ने एफआईआर दर्ज कराई किन्तु अभी तक उसमे कुछ नहीं हुआ है। अवधेश अभी भी पूर्ण रूप से स्वस्थ नहीं है किन्तु अवधेश एक बात जरूर सीख गया है कि वह भविष्य में किसी अनजान के लिए अपनी जान जोखिम में नहीं डालेगा। अवधेश के गोलियों के जख्म जरूर भर जायेगे किन्तु अरूसा द्वारा दिया गया धोखे का जख्म उसकी सारी उम्र नहीं भर पायेगा।
दोस्तों, आप लोगों के अवधेश और अरूसा के बारे में क्या विचार हैं, क्या किसी अनजान व्यक्ति की मदद करना गलत है, क्या किसी भी बहन या महिला की इज्जत को बचाना उचित नहीं है, हमें कमेन्ट द्वारा बताएं।