इन राशि वाले जातकों पर शनि की साढेसाती का नहीं होता है असर, मिलता है शुभ फल
शनिदेव का नाम सुनते ही अच्छे अच्छों की बोलती जैसे बंद सी हो जाती है। शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है यही वजह है कि कई लोग उनके प्रकोप से काफी डरे रहते हैं। कहा जाता है कि अगर किसी व्यक्ति पर शनि देव का प्रकोप पड़ गया तो उसे बर्बाद होने से कोई नहीं बचा सकता है। वैसे शनि की साढ़ेसाती का नाम अक्सर सुनने में आता रहता है, ऐसी मान्यता है कि किसी जातक पर शनि की टेढ़ी नजर पड़ जाती है तो उस व्यक्ति के सारे काम बिगड़ने लगते हैं। उनके जीवन में उन्हें कई तरह की परेशानियां आने लगती है। लेकिन इसके अलावा जब भी शनि एक राशि से दूसरी में गोचर करते है तो व्यक्ति की जन्मराशि से अगली और पिछली राशि में शुभ और अशुभ दोनों तरह के फल प्रदान करते हैं।
शनि का राशि बदलना कभी किसी के लिए काफी शुभ होता है शनि का गोचर हमेशा हर किसी के लिए अशुभ नहीं होता हैं। कुंडली के दशा के अनुसार कुछ लोगों के लिए शनि की साढेसाती बहुत ही शुभ होती है। जिन जातकों पर शनि की साढेसाती शुभ फल देती है उन्हें अपार धन-दौलत, समृद्धि और मान-सम्मान मिलता है।
तो आइए जानते हैं कि आखिर कौन सी वो राशियां हैं जिनपर शनि की साढ़ेसाती पड़ने का कोई भी असर नहीं होता है। सबसे पहले तो बता दें कि जब जातक की कुंडली में किसी शुभ ग्रह की दशा या महादशा चल रही हो तो ऐसे में इस दौरान शनि की साढ़ेसाती भी अगर उनपर लगती है तो इसका असर ऐसे लोगों पर कम ही पड़ता है। हां ये भी सच है कि इस दौरान इन लोगों को अपने काम में सफलता जरूर मिलती है लेकिन उसके के लिए थोडा उन्हें मेहनत ज्यादा करनी पड़ती है।
वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मकर और कुंभ राशि के स्वामी शनि देव हैं जबकि तुला राशि में शनि उच्च के होते हैं इसलिए इन राशि के जातकों पर शनि की साढेसाती होने के बाद भी इन पर शनि की छाया का असर कम ही होता है।
इसके अलावा अगर शनि किसी भी जातक की कुंडली में तीसरे, छठे, आठवें और बारहवें घर में उच्च हैं तो ऐसे व्यक्ति पर शनि की साढेसाती होने के बावजूद उन्हें शुभ फल देते हैं।
इतना ही नहीं अगर किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा मजबूत भाव में बैठा है तो शनि की साढेसाती के दौरान भी जातक पर कोई ज्यादा बुरा असर नहीं होता। ऐसे व्यक्तियों को लाभ मिलने की संभावना ज्यादा रहती है।
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