ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है पौधा
आयुर्वेद में इंसुलिन प्लांट का बहुत महत्व है। इसका शास्त्रीय नाम कैक्टस पिक्टस है। इसे क्रेप जिंजर, केमुक, क्यू, किकंद, कुमुल, पकरमूला और पुष्करमूला (क्रेप जिंजर, केमुक, क्यू, किकंद, कुमुल, पाकरमूला और पुष्करमूला) के नाम से भी जाना जाता है। इसकी पत्तियों का स्वाद खट्टा होता है, इसके सेवन से ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
खांसी, जुकाम, त्वचा में संक्रमण, नेत्र संक्रमण, फेफड़ों के रोग, दमा, गर्भाशय संकुचन, अतिसार, कब्ज आदि रोगों में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
इंसुलिन के पौधे की दो पत्तियों को एक गिलास पानी में मिलाकर सुबह-शाम नियमित रूप से लेने से मधुमेह में आराम मिलता है।हिमालयी क्षेत्र में उगाए जाने वाले इस पौधे पर भारत समेत कई अन्य देशों में शोध चल रहा है।
इसकी जैव प्रौद्योगिकी नर्सरी भी स्थापित की जा रही है।
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(अस्वीकरण : हम इस लेख में निर्धारित किसी भी नियम, प्रक्रिया और दावों का समर्थन नहीं करते हैं। उन्हें केवल सलाह के रूप में लिया जाना चाहिए।
ऐसे किसी भी उपचार/दवा/आहार को लागू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।)
वेब शीर्षक :- इंसुलिन संयंत्र | ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है इंसुलिन का पौधा, जानिए कोक्टस पिक्टस की पत्तियों का इस्तेमाल कैसे करें
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