आखिर गणेश जी का जन्म कैसे हुआ था , जानकार चौंक जायेंगे आप
आखिर गणेश जी का जन्म कैसे हुआ था…
शिवपुराण में कहा गया है कि मां पार्वती ने स्नान करने से पहले अपनी मैल से एक बालक को पैदा किया और उसे अपना द्वारपाल बना दिया था और कहा था किसी को भी घर के अंदर प्रवेश नहीं करने देना, जब तक कि वो स्नान करके वापस नहीं आ जातीं। शिवजी ने जब प्रवेश करना चाहा तब बालक ने उन्हें भी रोक दिया। इस पर शिवगणों ने बालक से भयंकर युद्ध किया परंतु संग्राम में उसे कोई पराजित नहीं कर सका।
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शिवपुराण के अनुसार मां पार्वती नाराज हो उठीं जिससे भगवान शंकर ने क्रोधित होकर अपने त्रिशूल से उस बालक का सर काट दिया। इससे मां पार्वती नाराज हो उठीं और उन्होंने प्रलय करने की ठान ली। भयभीत देवताओं ने देवर्षि नारद की सलाह पर जगदम्बा की स्तुति करके उन्हें शांत किया।
शिवपुराण के अनुसार माता पार्वती ने गज-मुख बालक को अपने हृदय से लगा लिया शिवजी के निर्देश पर विष्णु जी उत्तर दिशा में सबसे पहले मिले जीव (हाथी) का सिर काटकर ले आए। मृत्युंजय रुद्र ने गज के उस मस्तक को बालक के धड़ पर रखकर उसे पुनर्जीवित कर दिया। माता पार्वती ने उस गज-मुख बालक को अपने हृदय से लगा लिया और देवताओं में अग्रणी होने का आशीर्वाद दिया।
गणेश चतुर्थी के दिन सोने, चांदी, तांबे और मिट्टी के गणेश जी की प्रतिमा स्थापित कर षोडशोपचार विधि से उनका पूजन करें। पूजा के बाद गणपति को 21 लड्डुओं का भोग अवश्य लगाएं।