अघोरी बाबा और नागा साधु में क्या अंतर ? आप भी चौंक जाओगे
जैसा कि आप सभी लोगों को मालूम है अघोरी बाबा और नागा साधु अलग-अलग होते हैं देखा जाए तो उन दोनों के बीच में ज्यादा अंदर दिखाई नहीं देता लेकिन आज हम आप लोगों को कुछ ऐसे अंतर के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें जाने के बाद आपको पता चल जाएगा कि अघोरी बाबा और नागा साधु अलग-अलग होते हैं।
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5. दर्शन स्थान में अंतर
आपको नागा साधु उनके अखाड़े में देखने को मिल जाएंगे और अक्सर को मेले के दौरान दिखाई देते हैं और उसके बाद हिमालय में चले जाते हैं जबकि अघोरी बाबा आपको कहीं भी कभी भी मिल जाएंगे।
4. पहनावे में अंतर
आपको नागा साधु बिना कपड़ों के कुंभ मेले के अवसर पर और मोनी अमावस्या के दौरान स्नान करते हुए दिख जाएंगे।
जबकि अघोरी बाबा जानवरों की खाल अथवा किसी वस्त्र को अपने शरीर में लपेटे रहते हैं।
3. भोजन में अंतर
अघोरी बाबा और नागा साधुओं के भोजन में भी काफी ज्यादा अंतर देखने को मिलता है। बता दें नागा साधु हो या अघोरी बाबा दोनों ही मांस का सेवन करते हैं। आपको कुछ शाकाहारी नागा साधु मिल सकते हैं, लेकिन कोई ऐसा अघोरी नहीं मिलेगा जो मांसाहारी न हों।
अघोरी बाबाओं के संबंध में कहा जाता है कि यह जानवरों के अतिरिक्त मानव मांस भी खाते हैं।
2. गुरु की अनिवार्यता
आपकी जानकारी के लिए बता दें किसी भी प्रकार का अघोरी बनने के लिए किसी गुरु के निर्देशन की कोई आवश्यकता नहीं होती है जबकि नागा साधु अपने गुरु के देखरेख में शिक्षा दीक्षा ग्रहण करते हैं। अघोरी भगवान भोलेनाथ को ही अपना गुरु मानते हैं।
1. तपस्या में अंतर
नागा साधु और अघोरी बाबा के तपस्या में भी काफी ज्यादा अंतर देखने को मिलता है। बता दें किसी व्यक्ति को नागा साधु बनने के लिए नागा अखाड़े रहकर में बारह सालों तक कठिन से कठिन परिक्षाओं को देना पड़ता है। जबकि अघोरी बनने के लिए श्मशान घाट में रहकर कई सालों तक शिव की तपस्या की जाती है। इस अवधि की कोई सीमा नही होती है।