centered image />

सर्दी के मौसम में आपको इस खतरनाक बिमारियों से बचना जरूरी है

0 1,423
Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now

स्वास्थ्य। स्वाइन फ्लू शवसन संबंधी रोग है. इसे एच1 एन1 इम्फ्लूएंजा भी कहा जाता है। यह संक्रामक रोग है, जो वायरस से फैलता है। इस वायरस की पहचान 2002 में हुई थी। विश्व स्वास्थ संगठन WHO द्वारा इसे जून 2009 में महामारी घोषित किया गया है।

स्वाइन फ्लू एक संक्रामक रोग है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचता है। इस रोग के वायरस 24 घंटे तक हवा में सख्त में जीवित रह सकते हैं, जबकि कोमल सतह में 20 घंटे तक जीवित रहते हैं।

कैसे फैलता है

यह एक संक्रामक रोग है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचता है। इसका वाहक सूअर होता है। इसलिए इसे स्वाइन फ्लू कहा जाता है। सर्दियों में ठंडे मौसम में यह संक्रमण अधिक फैलता है।

इसके प्रमुख लक्षण

बुखार आना, नाक बहना, गले में खराश, बदन दर्द, भूख में कमी, उल्टी आना, जी मचलाना, और नसों में खिंचाव स्वाइन फ्लू के प्रमुख लक्षण है।

इसे रोकने के आसान तरीके

इस रोग के लक्षणों के प्रभाव को कम करने में आहार बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उचित आहार का चुनाव करके इस रोग से निजात पाया जा सकता है। इस रोग के होने पर रोगी के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लग जाती है। इसलिए आहार में ऐसे खाद्य पदार्थों को सम्मिलित करना आवश्यक हो जाता है जो प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं एवं संक्रमण को कम करें। पानी की पर्याप्त मात्रा इस अवस्था में अत्यंत आवश्यक है। प्रतिदिन कम से कम 10 से 12 गिलास पानी अवश्य पीना चाहिए। ध्यान रहे कि पानी पूरी तरह स्वच्छ हो।

सब्जियों में पालक, पत्ता गोभी, फूल गोभी, गाजर टमाटर जरुर सम्मिलित करना चाहिए। बच्चों को पानी पिलाने से पहले अच्छी तरह से उबाले। आहार में हरी सब्जियां, फल संपूर्ण अनाज सम्मिलित करना चाहिए। आयरन विटामिन सी एवं डी और जिंक को अनिवार्य रूप से सम्मिलित करना चाहिए। फल में अनानास, सेब, अंगूर, नाशपाती, संतरा और खरबूजे का सेवन करना चाहिए।

इन्हें प्रतिदिन के आहार में सम्मिलित करना चाहिए। प्याज, अदरक, लहसुन, लौंग और जीरा सभी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। इसके साथ ही हर्बल टी, पुदीना, तुलसी से शरीर के अंदर उपस्थित संक्रमण को बाहर निकालने में सहायता मिलती है।

क्या ना खाए

स्वस्थ व्यक्तियों को रोगी से कुछ दूरी बनाकर रखनी चाहिए। केला, डिब्बा बंद आहार, स्ट्रीट फ़ूड आहार और शक्कर युक्त भोजन इस स्थिति में हानिकारक है। आहार हल्का, पोष्टिक और संतुलित लेकर इस रोग के लक्षण एवं संक्रमण को कम किया जा सकता है, साथ ही इस बीमारी से निजात पाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त व्यक्तिगत स्वच्छता की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है, नाक, आंख, मुंह की साफ़ सफाई जरुरी है।थोड़ी सावधानी उचित आहार एवं स्वच्छता इस विकराल महामारी को कम करने में सहायक हो सकती है।

लेटेस्ट न्यूज़, अपडेट को पाने के लिए हमारी यह APP DOWNLOAD करने के लिए यहाँ क्लिक करें। 

Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now
Ads
Ads
Leave A Reply

Your email address will not be published.