राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2022: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस कैसे मनाया जाता है? महत्व और इतिहास, एक क्लिक में पढ़ें
टेस्ट के बाद बड़ा बदलाव
पोखरण में परमाणु परीक्षण का नेतृत्व पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने किया था। इसके बाद अगले वर्ष 11 मई 1999 को भारत में पहला राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया गया। तब से हर साल यह दिवस मनाया जाता है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा 11 मई को त्रिशूल मिसाइल का सफल परीक्षण राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के महत्व को और बढ़ा देता है। त्रिशूल एक कम दूरी की मिसाइल है जो अपने लक्ष्य को तेजी से मारती है। इसके अलावा भारत के पहले विमान हंसा-3 ने आज ही के दिन उड़ान भरी थी। इसे नेशनल एयरोस्पेस लैब ने बनाया है। यह दो सीटों वाला हल्का विमान है, जिसका उपयोग पायलट प्रशिक्षण, हवाई फोटोग्राफी और पर्यावरण परियोजनाओं के लिए किया जाता है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा आयोजित
भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के योगदान को याद करते हुए तत्कालीन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाने की घोषणा की थी। तब से विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय हर साल 11 मई को इसका आयोजन करता है। इसके लिए हर साल एक थीम तय की जाती है। इसके अलावा, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर प्रौद्योगिकी संस्थानों और इंजीनियरिंग कॉलेजों में भी कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। हाल ही में हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का आह्वान किया है। लेकिन अगर भारत को वास्तव में आत्मनिर्भर बनना है, तो यह नवीनतम तकनीक के बिना संभव नहीं होगा। इसलिए देश की प्रगति में तकनीक का बहुत महत्व है। इसलिए यह दिन भारत के लिए बहुत बड़ा है इसीलिए इसे पूरे भारत में मनाया जाता है।
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