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ये लेकर आये थे पाकिस्तान से 1947 में लाशों से भरी ट्रैन, जानें नाम

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15 अगस्त को अंग्रेजी हुकूमत से 200 साल की गुलामी के बाद अनगिनत बलिदानों के बाद आज़ादी मिली। उसके साथ साथ भारत के 2 टुकड़े हो गए एक भारत और एक पाकिस्तान कहने को ये एक बहुत ही गलत हुआ भारत जैसे एक संपूर्ण देश के दुकड़े हो गए। और इस से भी गलत तो तब हुआ जब, आज़ादी के लिए एक साथ लड़े भाई भाई रहे न जाने क्या उनके मन मे आया और एक दूसरे के ही खून के प्यासे हो गए। जो एक साथ खाते थे पीते थे एक दूसरे के लिए खून तक बहा देते थे आज वो खुद आपस मे ही खून के प्यासे हो गए।

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ऐसी ही एक घटना हुई जब बटवारे के बाद बहुत से भारत से पाकिस्तान गए और बहुत से भारत आये। एक शख्स जो रेलवे से रिटायर हुए चीफ कंट्रोलर बाल कृष्ण गुप्ता ने बताया कि दोनों देशों का जब बंटवारा हुआ था उस समय वो रेलवे में गार्ड थे। वही पाकिस्तान से इसी रेलमार्ग से लाशों से भरी ट्रेन हुसैनीवाला रेलवे स्टेशन से होती हुई फिरोजपुर के छावनी रेलवे स्टेशन पहुँचे थे।

This person RUN train from pakistan to india in 1947 filled with dead bodies

उन्होंने बताया कि रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने आदेश दिया था कि पाकिस्तान के गंडा सिंह रेलवे स्टेशन पर भारतीय लोग फिरोजपुर आने का इंतजार कर रहे हैं। यह कहते हुए उन्हें ट्रेन लेकर पाकिस्तान भेजा गया, जब ट्रेन से भारतीयों को लेकर हुसैनीवाला रेलवे स्टेशन के लिए रवाना हुए तो रास्ते में पाकिस्तान के कुछ दंगाई लोगों ने उनपर हमला बोल दिया और ट्रेन में कई लोगों को तेजधार हथियारों से काट दिया गया।

This person RUN train from pakistan to india in 1947 filled with dead bodies

ट्रेन खून से लथपथ थी। किसी तरह कुछ लोगों को बचाकर फिरोजपुर छावनी पहुँचे थे। वो मंज़र बहुत दर्दनाक था।

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