जानिए सबकुछ अयोध्या मामले के बारे में ,पढ़ें यहाँ पर
देश के लिए बहुप्रतिक्षत अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का आज सुबह सर्वसम्मति से फैसला आ गया। जजों ने फैसला देते हुए कहा कि मुस्लिम पक्ष को दूसरी जगह मस्जिद के लिए वैकल्पिक जमीन दी जाए। साथ ही अयोध्या की विवादित जमीन रामजन्मभूमि न्यास को दी जाए तथा एक ट्रस्ट बनाया जाए। जजों ने माना कि बाहरी चबूतरा, राम चबूतरा और सीता की रसोई में भी पूजा करते थे, लोग अंदरूनी हिस्से, बीच के गुंबद को ही राम जन्मस्थान मानते हैं।
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चीफ जस्टिस ने फैसला सुनाते हुए सबसे पहले निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज कर दिया। जजों ने माना कि मीर बाकी ने मस्जिद बनवाई थी। जहाँ मस्जिद बनी थी वहाँ पर पहले मन्दिर था। बाबरी मस्जिद खाली पड़ी जमीन पर नही बनी। कोर्ट ने खुदाई में मिले मन्दिर के अवशेषों को अहम सबूत माना। एएसआई रिपोर्ट के आधार पर फैसला दिया है कि गुम्बन्द के नीचे पहले मन्दिर था। जजों ने कहा कि ये आस्था के आधार पर फैसला नही है। कानूनी आधार पर फैसला होगा।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस शरद अरविंद बोबडे, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़ और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ मामले पर फैसला सुनाया।
फैसले से पहले जजों ने सभी पक्षों से देश मे शांति बनाए रखने की अपील की। सुप्रीम कोर्ट ने 16 अक्टूबर को सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा लिया था।