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आरबीआई जून की बैठक में महंगाई का नए रेपो दर भी जारी कर सकता है

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भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने जून में होने वाली मौद्रिक नीति बैठक और भविष्य की बैठकों में रेपो दर बढ़ाने के संकेत दिए हैं। इससे कर्ज और महंगा हो सकता है। आरबीआई जून की बैठक में महंगाई का नया अनुमान भी जारी करेगा। उन्होंने कहा कि आर्थिक सुधार गति पकड़ रहा है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि रूस और ब्राजील को छोड़कर आज लगभग हर देश में ब्याज दरें नकारात्मक हैं। उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के लिए मुद्रास्फीति लक्ष्य लगभग 2% है। जापान और एक अन्य देश को छोड़कर सभी उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति 7% से अधिक है। एक नकारात्मक ब्याज दर का मतलब है कि आपको मुद्रास्फीति दर की तुलना में सावधि जमा पर कम ब्याज दर मिलती है।

बढ़ती महंगाई से चिंतित भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले महीने एक आपात बैठक में रेपो रेट को 4 फीसदी से बढ़ाकर 4.40 फीसदी कर दिया था। मौद्रिक नीति बैठकें हर दो महीने में आयोजित की जाती हैं। इस वित्तीय वर्ष की पहली बैठक 6-8 अप्रैल को हुई थी। अगली बैठक जून में होगी। आरबीआई ने 22 मई, 2020 के बाद रेपो दरों में बदलाव किया था। तब से यह 4 फीसदी के ऐतिहासिक निचले स्तर पर बना हुआ है।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) द्वारा मापी गई खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल से मई में बढ़कर 7.79 प्रतिशत हो गई। खाद्य और तेल की बढ़ती कीमतों से महंगाई आठ साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। मई 2014 में महंगाई दर 8.32 फीसदी थी। यह लगातार चौथा महीना है जब महंगाई आरबीआई की 6 फीसदी की ऊपरी सीमा को पार कर गई है।

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