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लोकसभा चुनाव की दौड़ में क्या राहुल गाँधी बन पाएंगे प्रधान मंत्री?

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13 July, New Delhi : 2019 के लोकसभा चुनाव के करीब आते जाने के साथ ही भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के नेताओं ने एक-दूसरे पर हमले तेज कर दिए हैं। इधर एक नई बात देखने को मिली है कि दोनों पार्टियों के सबसे बड़े नेताओं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, ने भी एक-दूसरे पर लगातार हमले करना शुरू कर दिया है। आपको याद हो तो कुछ महीने पहल तक ये दोनों नेता ऐसे नहीं भिड़ा करते थे। तो क्या माना जाए कि राहुल ने भाजपा की कमजोर नस पकड़ ली है?

भाजपा के जाल में फंसते जा रहे हैं राहुल

दरअसल, राहुल गांधी एक तरह से भाजपा के जाल में फंसते जा रहे हैं। वह मोदी पर जितने हमले करेंगे, मोदी समर्थन उतने ही आक्रामक तरीके से सोशल मीडिया पर अपने नेता के बचाव में उतरेंगे। यह तो तय हो गया है कि कांग्रेस की तरफ से प्रधानमंत्री पद का चेहरा राहुल गांधी ही होंगे, और यही वजह है कि भाजपा उन्हें पूरी तरह एक्सपोज कर देना चाहती है। वहीं, मोदी का राहुल पर हमले करने के पीछे यह मकसद हो सकता है कि किसी तरह उन्हें विपक्षी महागठबंधन का नेता बनने से रोका जाए। यदि भाजपा ऐसा करने में कामयाब रहती है तो महागठबंधन बनाने में विपक्षी दलों को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी।

मोदी और राहुल में आगे कौन?

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2019 के लोकसभा चुनावों के लिए निश्चित तौर पर अभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस अध्यक्ष से मीलों आगे हैं। राहुल को मोदी तक पहुंचने के लिए जनता को यकीन दिलाना होगा कि उनमें देश को संभालने और उसे आगे ले जाने की काबिलियत है, जोकि करने में वह नाकाम रहे हैं। इसलिए अभी की स्थिति पर गौर करें तो 2019 के लोकसभा चुनावों के संभावित विजेता नरेंद्र मोदी ही नजर आ रहे हैं। हां, यदि सारी विपक्षी पार्टियां एकजुट हो जाएं तो भाजपा का खेल जरूर बिगड़ सकता है।

यूपीए जीता तो भी राहुल पीएम नहीं बन पाएंगे!

जहां तक 2019 में राहुल के प्रधानमंत्री बनने के सपने की बात है, तो यह पूरा होता हुआ दिख नहीं रहा है। यदि यूपीए की 2019 में जीत भी होती है तो भी राहुल के प्रधानमंत्री बनने के चांस काफी कम हैं। दरअसल, विपक्ष के महागठबंधन का जो स्वरूप दिख रहा है उसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस पद के लिए सबसे बड़ी उम्मीदवार के रूप में दिख रही हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यदि 2019 में यूपीए की जीत और एनडीए की हार होती है, तो देश को अगला प्रधानमंत्री शायद ममता बनर्जी के रूप में मिले।

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