क्यों होता है कैंसर का टयूमर ? इससे डरे नहीं, इसका डट कर मुकाबला करें, जाने सम्पूर्ण जानकारी
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टयूमर क्या होते हैं?
ज्यादातर कैंसर एक गांठ (लम्प) बनाते हैं जिसे डाक्टर एक टयूमर या एक ग्रोथ कहते हैं। सभी टयूमर (लम्प) केन्सर नहीं होते हैं। डाक्टरों को गांठ एक टुकड़ा निकालना होता है और इसकी जांच यह पता करने के लिए होती है कि क्या यह कैंसर है। वो गांठें (लम्प) जो केन्सर नहीं होती उन्हें बी-नाइन (be-NINE) कहते हैं। वो गांठे (लम्प) जो कैंसर होती हैं उन्हें मेलिग्नेन्ट (muh-LIG-unt) कहते हैं। कुछ अन्य प्रकारों के कैंसर भी होते हैं, जैसे ल्यूकिमि या (रक्त का केन्सर) जो टयूमर नहीं बनाते हैं। यह रक्त में या शरीर की अन्य कोशिकाओं में उत्पन्न होते हैं।
आपका कैंसर किस अवस्था में है?
डाक्टर को यह जानने की भी आवश्यकता होती है कि क्या कैंसर जहां से उत्पन्न हुआ था उस स्थान से शरीर के अन्य अंगों में भी फैल गया है। यदि ऐसा है तो उसके लिए यह जानना आवश्यक होता है कि यह कितना फैल चुका है। जब डाक्टर को इसका पता लग जाता है तब वह कि आपके कैंसर की अवस्था बता सकता है।
प्रत्येक तरह के कैंसर में ऐसी जांचें उपलब्ध हैं जि नको कर सकने से कैंसर की अवस्था का पता लगाया जा सकता है। नियमानुसार एक प्रारंभिक (निचली) अवस्था (जैसे पहली या दूसरी अवस्था) का अर्थ है कि केन्सर अधिक नहीं फैला है। एक बढ़ी हुई (उच्च) अवस्था (जैसे तीसरी या चौथी अवस्था) का अर्थ है कि केन्सर ज्यादा फैल गया है। अपने डाक्टर से अपने कैंसर की अवस्था के बारे में विस्तार से उन शब्दों में जानें जिनका अर्थ आप समझ सकें ।
कैंसर का उपचार कैसे होता है?
कैंसर के सबसे सामान्य उपचार सर्जरी, कीमोथैरेपी तथा विकिरण (रे-डि -ए-श-न) होते हैं। सर्जरी का उपयोग कैंसर को उपचारित करने के लिए तब किया जाता है जब वह शरीर के उस अंग तक ही सीमित होता है जहां से वह शुरू हुआ था। सर्जन कैंसर से प्रभावित उस अंग के एक भाग या पूरे अंग को ही निकाल देना पड सकता हैं। स्तन के कैंसर के मामले में स्तन का एक भाग (या पूरे स्तन को) निकाल दिया जाता है। प्रोस्टेट कैंसर में प्रोस्टेट ग्रंथि को भी निकाला जा सकता है। परन्तु सर्जरी का उपयोग हर तरह के कैंसर में नहीं किया जाता है। कीमो (कीमोथैरेपी का संक्षिप्त नाम) में दवाइयों का उपयोग कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए या इनकी बढ़ती हुई संख्या को कम करने के लिए किया जाता है। कुछ कीमो दवाओं को एक शिरा (vein) में ड्रिप (intravenously) या एक ‘शाट’ रूप में दिया जाता है, और कुछ अन्य को एक गोली या तरल पदार्थ के रूप में मुहं से दिया जाता है। क्योंकि कीमो दवाइयों की पहुंच शरीर के लगभग सभी अंगों तक होती है, ये उन कैंसर में विशेष रूप से उपयोगी होती हैं जो कि फैल गए होते हैं।
विकिरण (रेडिएशन) उपचार का उपयोग कैंसर की कोशिकाओं को मारने या इनकी वृद्धि को धीमा करने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग अकेले या सर्जरी अथवा कीमो के साथ भी किया जा सकता है। विकिरण (रेडिएशन) उपचार एक एक्सरे करने के समान होता है। या कुछ बार इसे ‘‘विकिरणयुक्त सीडों’’ के द्वारा प्रभावित अंग के रोगग्रस्त भाग के अंदर रखकर भी दिया सकता है ताकि वे विकिरण (रेडिएशन) को सीधे टयूमर के अंदर पहुंचा दें ।
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मेरे लिए कौन सा उपचार सबसे अच्छा है?
आपका कैंसर उपचार इस तथ्य पर निर्भर करेगा कि आपके लिए सबसे अच्छा उपचार कौन-सा है। कुछ कैंसर सर्जरी से बेहतर तरीके से प्रभावित होते हैं। अन्य कैंसर कीमोथैरेपी या अन्य उपचारों से अधिक अच्छे से प्रभावित होते हैं। कुछ अन्य कैंसर कीमो और सर्जरी, या कीमो और विकिरण से सबसे अच्छे से उपचारित होते हैं। अपने कैंसर के प्रकार को जानना यह जानने की दिशा में पहला कदम होता है कि आपके कैंसर के लिए कौन से उपचार सबसे अधिक उपयोगी होंगे। आपके कैंसर की अवस्था जानने से आपके डाक्टर को यह जानने में सहायता मिलेगी कि आपके लिए सबसे अच्छा उपचार कौन सा है। उदाहरण के लि ए एक तीसरी या चौथी अवस्था के केन्सर उन उपचारों से बेहतर प्रतिक्रिया दिखाते हैं जो कि सारे शरीर को ठीक करने वाले होते हैं, जैसे कीमोथैरेपी। आपका स्वास्थ्य और जिस उपचार को आप चुनते हैं वे भी यह निर्धारित करने का एक भाग होते हैं कि आपके लिए सबसे अच्छा उपचार कौन सा होगा। क्योंकि सभी प्रकार के उपचार आपके केन्सर पर काम नहीं करेंगे, अत: इस बारें में आश्वस्त हो लें कि आप अपने सभी विकल्पों को जानते हैं। और क्योंकि उपचारों के प्रति कूल प्रभाव भी होते हैं अत: इस बारे में भी आश्वस्त हो लें कि आपको प्रत्येक उपचार से क्या अपेक्षा करनी है। प्रश्नों को पुछने से डरे नहीं। यह जानने का आपको अधिकार है कि कौन से उपचार आपको सबसे अधिक सहायता दे सकें गे और इनके प्रति कूल प्रभाव क्या होंगे।
मेरे साथ यह क्यों हुआ है?
कैंसर का निदान होने के बाद उस व्यक्ति के सबसे सामान्य प्रश्नों में से एक होता है कि ‘‘मैंने क्या गलत काम किया है’’? या ‘‘मैं ही क्यों?’’ डाक्टरों को प्रत्येक केस में यह निश्चित रूप से पता नहीं लग पाए कि आपको कैंसर क्यों हुआ है। कई बार जब डाक्टर इसके कारण को पूरी स्पष्टता से नहीं बता पाते हैं तो तब कई लोग अपने स्वयं के अंदाजा लगाने लगते है कि उन्हें यह रोग क्यों हुआ है। कुछ लोगों यह मानने लगते हैं कि उन्हें यह सजा किन्हीं कामों को करने अथवा कुछ नहीं कर पाने के कारण मिली है। कुछ लोग यह सोचते हैं कि अगर वे वह ही करते जि से वे सही मानते थे तो उन्हें केन्सर नहीं होता। अधिकांश लोग ये आश्चर्य करते हैं कि स्वयं उन्हीं ने किसी तरह से अपने आप को कैंसर दे दिया है। यदि आप में ऐसे भाव आ रहे हैं तो आप अकेले नहीं है। ये सभी विचार और मान्यताएं कैंसर से पीड़ित लोगों में सामान्यतया होती हैं। परन्तु, केन्सर आपके पूर्व कर्मों की सजा नहीं हैं। अपने को दोष देने से बचें और उन तरीकों की छानबीन न करें जिनसे आप किसी तरह से केन्सर होना रोक सकते थे।
अंत में हम येही कहना चाहेंगे कि केन्सर आपकी गलती नहीं है और यह जानने का कोई एक तरीका लगभग नहीं होता है कि यह किस कारण हुआ। इसके बजाए अब से अपनी अच्छी देखभाल करने पर स्वयं ध्यान दें।
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