centered image />

जब अर्जुन से श्री कृष्ण से पुछा योगसिद्धि क्या है?

0 989
Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now
अध्याय ६ शलोक ४०-४२
हरे कृष्ण। अर्जुन ने भगवान श्री कृष्ण से पूछा था कि योगसिद्धि में लगा हुआ मनुष्य यदि योग अर्थात अपने लक्ष्य से विचलित हो जाता है भटक जाता है तो उसकी क्या गति होती है वह सर्वथा नष्ट तो नहीं हो जाता।
      सवाल है योगसिद्धि क्या है और योग से विचलित होने का मतलब क्या है। किसी शायर ने कहा है
“यदि ना हो ज़िंदगी का कोई मक़सद। तो ज़िंदगी युं ही कट जाती है क़िस्मत को इल्ज़ाम देते देते”
तो जीवन में कोई लक्ष्य रख कर उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये कर्म करने को ही योगसिद्धि कहा गया है और किन्हि भी कारणों  से उस लक्ष्य को  छोड देने को योग भ्रष्ट कहा गया है
     तो भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि अर्जुन ऐसा व्यक्ति जो अपने लक्ष्य को छोड देता है वो व्यक्ति दुर्गति को प्राप्त नहीं होता। उसका पतन भी नहीं होता क्योंकि उसने जो प्रयास लक्ष्य  को प्राप्त करने के लिये किये हैं उनका फल तो उसे मिलेगा ही। फिर जिस व्यक्ति ने कोई लक्ष्य रख कर काम करना सीख लिया हो उसे सफलता तो मिलेगी ही समय कम ज्यादा भले ही लग जाए
भगवान कहते हैं चाहे कोई भी कारण से साधक ने अपने लक्ष्य को छोड़ दिया हो लेकिन जो प्रयत्न उसने किया जो तपस्या उसने की वो कभी भी बेकार नहीं जाती उसका लाभ तो उसे मिलता ही है। फिर भी हमें हर समय सावधान रहने की आवश्यकता है कि हम कुसंगत में न पड़ें, अपने सत्य कर्मों को न भूलें, वासनाओं के वश में न हों, विषयों  के वशीभूत होकर विपरीत कामों में न चले जाएँ।ऐसे व्यक्ति को लक्ष्य तो प्राप्त होगा ही। समय हो सकता है कुछ ज़्यादा लगे।
गीताज्ञान जुडी और जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें
Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now
Ads
Ads
Leave A Reply

Your email address will not be published.