युद्ध ताम्रपत्र पर बने कनकधारा यंत्र को मंगलवार को लाल कपड़े के ऊपर घर के पूजा स्थल पर पंचोपचार पूजा करके स्थापित करें तथा 21 अथवा 51 दिन तक यंत्र के सम्मुख दीपक जलाकर कनकधारा स्तोत्र का नित्य पाठ करें। इससे कर्ज से मुक्ति मिलती है एवं दिया हुआ धन भी वापस आ जाता है।
लाल रंग का चौकोर कपड़ा लें। उसे देव जी के चित्र/मूर्ति के सामने चौकी (पाटा) पर बिछा लें। उसमें लाल चंदन का टुकड़ा, लाल गुलाब के साबुत पुष्प, रोली तथा 58 सिक्के (चवन्नी, अठन्नी, रुपया, दो रुपये, पांच रुपये के सिक्के, परंतु सभी समान मूल्य के ) रखें। फिर कपड़े में सारा सामान लपेट कर उसकी पोटली बना कर अपने गल्ले अथवा अलमारी या संदूक, जो भी आपके हिसाब से उपयुक्त स्थान हो, में रख दें। 6 माह बाद पुनः नव रात्रि की अश्टमी को इस प्रक्रिया को दोहराएं।
प्रतिदिन सूर्यदेव को जल का अर्घ्य दें। जल में लाल मिर्च के ग्यारह बीज डाल कर अर्पण करें। साथ ही आदित्याय नमः कहते रहें तथा रुके हुए धन की प्राप्ति हेतु प्रार्थना करें। शयन कक्ष घर के पश्चिम में रखें। तीन रत्ती का ओनेक्स चांदी की अंगूठी में जड़वा कर शुभ मुहूर्त में कनिष्ठा में बुधवार को धारण करें।
यदि निरंतर कर्ज में उलझते जा रहे हों, तो शमशान के कुएं का जल लाकर किसी पीपल के वृक्ष पर चढ़ाएं। यह टोटका नियमित रूप से यदि 6 शनिवार को किया जाए, तो आश्चर्यजनक परिणाम प्राप्त होते हैं। यह प्रयोग किसी शुभ मुहूर्त में करना चाहिए। होली और दीपावली भी धन से संबंधित टोटके के लिए सिद्ध मुहूर्त हैं।
सोते समय पूर्व की तरफ सिरहाना रखा करें। 3 रत्ती की चंद्रमणि तथा 3 रत्ती वजन का कटैला चांदी में जड़वा कर क्रमशः अनामिका और बीच की उंगलियों में धारण करें। ऐसा शुक्ल पक्ष के सोमवार तथा शनिवार को करें।
विशेष उपाय : गेहूं पिसवाते हों, तो हमे्या गुरुवार या मंगलवार को ही चुनें। यदि पिसा-पिसाया आटा लाते हों, तो भी उपर्युक्त दिवस को ही लाएं, अत्यंत लाभ होगा। साथ ही थोड़ा सा आटा एवं शक्कर मिला कर घर के चारों कोनों में डाल दें। इसके लिए श्रद्धा का होना परम आवश्यक है।