खांसी पर कुछ सवाल-जवाब ज़रूर पढ़ें
खांसी व अस्थमा में क्या फर्क है ?
अस्थमा होने पर छाती से सीटी और शां शां की आवाज आती मालूम पड़ती है और सांस फूल जाता है, जबकि साधारण खांसी गले में खराबी की वजह से भी हो जाती है।
खांसी न्यूमोनिया से हुई है या वायरल से हुई है, कैसे पहचानें?
वायरस से होने वाली खांसी आम होती है, पर न्यूमोनिया से होने वाली खांसी में एक्सरे कराने पर न्यूमोनिया का पैच दिखाई देता है। ब्लड टेस्ट कराने पर भी न्यूमोनिया के लक्षण सामने आ जाते हैं।
पफ व नेबुलाइजर की जरूरत कब पड़ती है?
अगर सांस लेने पर सीटी की आवाज आए और आप घर पर हों तो नेबुलाइजर की मदद लें। अगर घर से बाहर हों तो जेब में रखने वाला पफ या इनहेलर लें। जरूरत के अनुसार यह दिन में दो बार लिया जा सकता है या डॉक्टर की सलाह के अनुसार इसका यूज करें।
बलगम में खून आए तो?
खांसी से खून आए तो घबराना नहीं चाहिए। कई बार जोर से खांसने पर भी खून आ जाता है। खून आने पर देखना चाहिए कि उसका रंग लाल है या काला। ऐसे में खून की जांच और छाती का एक्सरे व सीटी स्कैन करवाना चाहिए। बार-बार खून आए तो टेस्ट जरूर करा लेने चाहिए। टीबी और लंग कैंसर की वजह से भी खून आ सकता है। टीबी की जांच के लिए ईएसआर, बैक्टीरिया के लिए टीएलसी और वायरस के लिए डीएलसी जांच की जाती है।
डॉक्टर के पास कब जाएं?
अपने आप डॉक्टर न बनें और न ही घरेलू इलाज के भरोसे रहें। डॉक्टर को दिखाना ही बेहतर है।
कितने दिनों बाद समझें कि खांसी खतरनाक है?
खांसी को एक हफ्ते से ज्यादा हो जाए तो ब्लड की जांच कराएं।
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