भारत सरकार की एजेंसियां करेगी आपके निजी कंप्यूटर पर जासूसी – मोदी सरकार
अभी कुछ दिन पहले गृह मंत्रालय ने किसी भी फाइल या जानकारी को मॉनीटर करने और कंप्यूटर के माध्यम से भेजे गए डाटा पर पैनी नज़र रखने का आदेश दिया है। दस केन्द्रीय एजेंसियां डेटा सोर्सिंग के ऊपर निगरानी और डिक्रिप्शन करने में सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं।
ये है मोदी सरकार का आदेश
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, केंद्रीय जांच ब्यूरो, खुफिया ब्यूरो, केंद्रीय कर बोर्ड, कैबिनेट सचिवालय, राजस्व खुफिया निदेशालय और राष्ट्रीय जांच एजेंसी निदेशालय शामिल है। डायरेक्टर ऑफ़ सिग्नल इंटेलिजेंस (उत्तर पूर्व, जम्मू-कश्मीर और असम के सेवा क्षेत्रों के लिए), दिल्ली पुलिस आयुक्त और Enforcement Directorate भी अन्य केंद्रीय एजेंसियां हैं जो सभी निगरानी कर रहे हैं। इसलिए सरकार द्वारा दिए गए इस आदेश के अनुसार सर्विस प्रोवाइडर को सभी तकनीकी विवरणों को केंद्रीय एजेंसियों के साथ साझा करना होगा ताकि डेटा शेयर सख्त निगरानी के तहत किया जा सके।
भारत सरकार की एजेंसियां करेगी जासूसी
यदि ग्राहक अधिकृत नियम से गुजरने में असफल होते हैं, तो उन्हें सात साल तक कैद किया जाएगा और उन्हें भी जुर्माना लगाया जाएगा।यह आदेश सूचना प्रौद्योगिकी 2000 के अधिनियम 69 (1) के तहत दिया गया है जिसका मतलब नागरिकों को साइबर अपराध से बचाने के लिए है। अधिनियम में कहा गया है कि भारत सरकार को डेटा ट्रैफिक की निगरानी करने का हर अधिकार है। सरकार के इस फैसले के बाद अब देशभर में किसी के भी कंप्यूटर के भीतर सरकार की एजेंसियां जासूसी कर सकती हैं।
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