अपनी ही कब्र खोदी एक इंसान ने आखिर पूरा मामला क्या ?
लछि 10 सालों से अपने परिवार से अलग खेतों में जिंदगी गुजार रहे हैं
विजयवाड़ा. आंध्र प्रदेश के गन्नावरम गांव में एक 70 साल के बुजुर्ग ने खुद को सिर्फ इसलिए जिंदा दफनाने का फैसला कर लिया, क्योंकि वो स्वार्थी और बेपरवाह देश में रहकर थक चुका था। बुजुर्ग का नाम तथिरेड्डी लछि बताया गया है।
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जानकारी के मुताबिक, लछि ने खुद को दफनाने के लिए दो दिनों में एक 5 फुट गहरी कब्र भी खोद ली थी। साथ ही उन्होंने कब्र के पास पत्थर और सीमेंट इकट्ठा कर ली थीं, ताकि कब्र के अंदर घुसते ही संसार से सजीव समाधि ले सकें। हालांकि, पुलिस को घटना का पता चल गया और उन्होंने लछि को आत्महत्या करने से रोक लिया।
लछि ने बताया कि उन्हें ना तो आंध्र प्रदेश और ना ही पूरे देश में कहीं भी न्याय की उम्मीद है। लछि ने कहा कि पापियों के देश में रहना उनके उसूलों के खिलाफ है, इसलिए उन्होंने खुद को जिंदा ही दफनाने की सोची।
रोकने के लिए करनी पड़ी कड़ी मशक्कत: लछि को समाधि में जाने से रोकने के लिए मछरेला पुलिस स्टेशन से इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर लोकेश्वर राव घटनास्थल पर पहुंचे। राव ने बताया कि उन्हें रेड्डी को रोकने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। आखिरकार पुलिस को राव से कहना पड़ा कि आत्महत्या की कोशिश एक जुर्म है और इसके लिए सजा का प्रावाधान है। तब जाकर लछि उनकी बात माने।
10 करोड़ की जमीन के मालिक हैं लछि:तथिरेड्डी लछि की गिनती गुंटुर जिले के अमीरों में होती है। उनके पास गन्नावरम गांव में 10 करोड़ की जमीन है। एक समय वे अपनी पत्नी और दो बेटों के साथ रहते थे। हालांकि, अध्यात्म मेें बढ़ी रुचि के कारण वे पिछले 10 सालों से परिवार से अलग रह रहे थे। रेड्डी के बेटों का कहना है कि उनके पिता खेतों में ही एक झोपड़ी में गुजर बसर कर रहे थे, जहां वे रोज खाना पहुंचाने जाते हैं।
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