अगर आप घुमने का प्लान बना रहे हैं तो कोहिमा के बारें में भी जानिए
भारत के उत्तर पूर्वी बॉर्डर राज्य नागालैंड की पर्वतीय राजधानी हैं कोहिमा। कोहिमा को “कू ही” भी कहा जाता है क्यूंकि इसके पहाड़ों में इस नाम के पेड़ उगते है। “कू ही माँ” का मतलब धरती के आदमी होता हैं जहाँ पर फूल कू ही उगता है। पहले कोहिमा को ठिगोमा कहा जाता था।
कोहिमा गांव (बड़ा बस्ती)
यह एशिया का दूसरा सबसे बड़ा और आबादी वाला गाँव है। यह बड़े गाँव आगामी पूर्वजो की शान का प्रतीक है। इस गाँव के द्वार पर आपको एक बड़ा पारम्परिक लकड़ी का गेट दिखेगा, जिसपर योद्धा, हथियार और मिथुन का सिर बना हुआ है जो खुशहाली का प्रतीक है। नागा पत्थर यहाँ बड़े हुए है और यहाँ घरों के बाहर उनके महान पूर्वजों द्वारा आयोजित बड़ी दावतों की याद में चिन्ह लगे हुए है।
संग्रहालय:
इस संग्राहलय में नागालैंड की संस्कृति और इतिहास से जुड़ी अनेक वस्तुओं को देखा जा सकता है। इन वस्तुओं में कीमती रत्नों, हाथी दांत व मोतियों से बना हार, लकड़ी और भैंस के सींगों से बने वाद्ययंत्र तथा अन्य वस्तुएं प्रमुख हैं। संग्रहालय के बेसमेंट में उतर पूर्व हिमालय के कई पक्षी और जानवर भी है।
कोहिमा चर्च
नागालैंड की राजधानी कोहिमा में पर्यटक एशिया के सबसे बड़े चर्च को देख सकते हैं।चर्च में बेथलेहम जैतुन की लकड़ी से बनी सुन्दर नाद देखी जा सकती। पर्यटकों को यहां पर आकार बहुत अच्छा लगता है क्योंकि यहां प्रार्थना करने के बाद उन्हें शांति का अहसास होता है।
चिड़ियाघर
कोहिमा का चिड़ियाघर एक खूबसूरत पहाड़ की ढलान पर बना हुआ है। कोहिमा के चिड़ियाघर में आपको नागालैंड के पक्षी और जानवर देखने को मिलेंगे। आपको यहाँ पर कई अनमोल जानवर और पक्षी जैसे सुनहरे लंगूर, ब्लीथे ट्रैगोपान देखने को भी मिलेंगे।
विडियो जोन : टैनिंग को दूर करने के घरेलू उपाय I Tanning Remedies Full Effective (हर किसी के लिए)
सभी ख़बरें अपने मोबाइल में पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करे sabkuchgyan एंड्राइड ऐप- Download Now
दोस्तों अगर आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई तो इस पोस्ट को लाइक करना ना भूलें और अगर आपका कोई सवाल हो तो कमेंट में पूछे हमारी टीम आपके सवालों का जवाब देने की पूरी कोशिश करेगी| आपका दिन शुभ हो धन्यवाद |