ज्योतिष। घर से रुपये पैसे गायब हो गये, व्यवसाय में बरकत रुक गई है या होती ही नहीं है। कोई न कोई घर में बीमार रहता ही है। बीमारी घर से निकलती ही नहीं है। कभी घर में कहीं आग लग जाती है। कभी सामान से हवा में दुर्गंध आती है, अथवा सोने के जेवरों का रंग उड़ जाता है। घर में बच्चों की शादी, संतान, तरक्की होती ही नहीं है।
ऐसी समस्याएं पित्रदोष, प्रेत दोश या अन्य व्यक्ति द्वारा कोई टोटका, उपाय करा देने के कारण संभव होती हैं। यहां आप स्पष्ट समझ लें कि घर के पितर गंगा स्नान, ब्राह्मण भोजन, दान, श्रीमद भागवत सप्ताह आदि से सन्तुष्ट हो जाते हैं। वे आपके पुर्वज हैं। अतः उनके लिये टोटके, मंत्रादि प्रयोग में नहीं लाये जाने चाहिएं, परंतु अन्य प्रेत दोष होने पर, अथवा अन्य व्यक्ति द्वारा घर में टोटका आदि करा देने पर आपको भी निदान मुक्ति के लिये उपायों का सहारा लेना ही होगा। क्या आपके घर में प्रतिदिन लड़ाई झगड़े बढ़ रहे हैं, प्रत्येक कार्य में बाधाएं आ रही हैं। क्या आपको ऐसा लगता है कि घर में देवताओं की कृपा नहीं है। तब एक साधारण सा उपाय 21 दिन तक बिना नागा किये करें।
सूर्य अस्त के समय शाम को आधा किलो गाय का कच्चा दूध ले आयें। स्नान करें, शुद्ध धुले हुए साफ वस्त्र पहनें, किसी साफ सुथरे मंजे हुए वर्तन में दूध निकाल लें (डाल दें)। इस दूध में नौ बूंद शुद्ध शहद की डालें, मकान के सबसे ऊपरी भाग छत से शहद मिश्रित दूध के सभी स्थानों पर छींटे लगाते हुए, नीचे तक घर के हर कमरे में, कोने में, गेलरी में, जीने में, अर्थात् कोई स्थान न छोड़ें जो दूध के छींटे से बच जाये। मकान के मुख्य दरवाजे तक जाएं तथा शेष बचे दूध को दरवाजे के बाहर धार देते हुए गिरा दें। इस संपूर्ण क्रिया को करते हुए अपने कुल देवता का स्मरण ध्यान करते रहें। 21 दिन तक यह क्रिया करने पर आपका घर शुद्ध हो जाएगा, अनुभव आप हमें लिखें।