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थ्रीडी तकनीक से बनाया पहला रोबोट

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अमेरिकी वैज्ञानिकों ने पहली बार थ्रीडी तकनीक से रोबोट बनाने में सफलता हासिल की है। मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के वैज्ञानिकों ने प्रिंटिंग पदार्थों (ठोस एवं द्रव) के इस्तेमाल से छह पैरों वाला रोबोट बनाया है। रोबोट बनाने के लिए आमतौर पर असेंबली (विभिन्न हिस्सों को सिलसिलेवार तरीके से जा़ेडऩा) की जरूरत पड़ती है, लेकिन थ्रीडी तकनीक के तहत इस काम को एक चरण में ही पूरा कर लिया गया।

इस रोबोट का वजन तकरीबन सात सौ ग्राम (डेढ़ पौंड) है, जबकिलंबाई महज छह इंच है। एमआईटी के डैनियेला रस ने बताया कि उनका उद्देश्य मशीनों के बीच त्वरित सामंजस्य बिठाना है और बैटरी-मोटर के साथ रोबोट चलने-फिरने में भी सक्षम हो। थ्रीडी रोबोट 12 हाइड्रॉलिक पंप के जरिए चल सकता है। प्रिंटेबल हाइड्रॉलिक पंप में इंकजेट प्रिंटर के जरिए तरल पदार्थ डाला जाता है। इन बूंदों का व्यास 20 से 30 माइक्रॉन और चौ़$डाई इंसानों के बाल की आधी होती है।

प्रिंटर परत-दर-परत के सिद्धांत पर काम करता है। प्रत्येक परत में प्रिंटर विभिन्न हिस्सों में विभिन्न पदार्थों को जमा करता है। सख्त करने के लिए उच्च घनत्व वाले अल्ट्रा वॉयलेट किरणों का इस्तेमाल किया जाता है। प्रिंटर ठोस फोटोपॉलीमर के अलावा, द्रव का भी प्रयोग करता है। डैनियेला ने बताया कि इंकजेट प्रिंटिंग के जरिए आठ विभिन्न हिस्सों से विभिन्न पदार्थों को जमा किया जाता है। इससे उन्हें नियंत्रित कर पाना आसान होता है। हालांकि, थ्रीडी प्रिंटिंग लिक्विड में जल्द ही ठोस में परिवर्तित हो जाता है।

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