शिक्षाप्रद कहानी : अमीर आदमी के बर्तन
केरला के एक गांव में एक अमीर आदमी रहता था। उसके पास सब आकार के बर्तन थे। उस आदमी के पास चिड़िया जितने छोटे बर्तन से लेकर बच्चे को बिठाने तक के बड़े बर्तन मौजूद थे। जब भी गाँव में कभी कोई समारोह होता था तो गांववाले उस अमीर आदमी से बर्तन ले जाते थे और समारोह खत्म होने पर उसे बर्तन लौटा देते थे। एक दिन एक अनोखी घटना हुई। एक गांववाले ने अमीर आदमी से कुछ बर्तन लिए थे लेकिन बदले में उसने उधार लिए हुए बर्तन से ज़्यादा बर्तन उस अमीर आदमी को लौटाए। यह देखकर अमीर आदमी काफी आश्चर्य में पढ़ गया। उसने हैरानी से अपना सिर खुजाया।
अमीर आदमी ने गांववाले आदमी से पूछा, ‘यह बर्तन कैसे बढ़ गए?’
गांववाले ने जवाब दिया, ‘दरअसल आपके कुछ बर्तन गर्भवती हो गए थे। उन गर्भवती बर्तनों ने घर में छोटे बर्तनों को जन्म दिया। मैंने उन बर्तनों को उनके बच्चों के साथ आपको लौटाया है।’ अमीर आदमी जानता था कि यह संभव नहीं है लेकिन ज़्यादा बर्तन पाने के लालच में वह चुप रहा। इसलिए उसने गांववाले की बात मान ली और सारे बर्तन रख लिए। कुछ दिनों बाद वहीं गांववाला दोबारा बर्तन मांगने के लिए आया। अमीर आदमी ने खुशी खुशी उसे अपने बर्तन उसे उधार में दिए। अमीर आदमी को लग रहा था कि गांववाला इस बार भी उसे ज़्यादा बर्तन बदले में लौटाएगा। उसने तो सपना भी देख लिया था कि गांववालों ने उसे ‘बर्तनों के महाराज’ के खिताब से नवाज़ा है।
एक हफ्ता गुजर गया लेकिन गांववाले व्यक्ति ने बर्तन नहीं लौटाए। कुछ दिनों तक अमीर आदमी शांत रहा लेकिन उसके दिमाग में चल रहा था कि इस बार उसे कितने बर्तन वापिस मिलेंगे। दो तीन हफ्तों तक उसने अपना मुँह नहीं खोला और वह चुप रहा।
जब एक महीना बीत गया, तब उस अमीर लालची व्यक्ति से चुप नहीं रहा। ‘तुमने मेरे बर्तन क्यों नहीं लौटाए?’ अमीर आदमी ने गांववाले से पूछा। उसके सवाल में गुस्सा दिख रहा था।
गांववाले व्यक्ति ने जवाब दिया, ‘मैं क्या करूं। सारे बर्तन मर गए।’
‘मर गए? तुम क्या कहना चाहते हो। बर्तन कैसे मर सकते है?’ अमीर आदमी ने चिल्लाते हुए कहा।
‘क्यों नहीं मर सकते। जब बर्तन जन्म दे सकते है, तो वह मर भी तो सकते है?’ गांववाले व्यक्ति ने जवाब दिया।
यह बात सुनकर अमीर आदमी अपने लालच का पछतावा करते हुए शांत हो गया क्योंकि उसके पास कहने के लिए कुछ नहीं था।