centered image />

आकस्मिक धन प्राप्ति साधना

1 11,547
Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now
जब उपाय हो साथ तो डरणे कि क्या बात ?.

जीवनकाल मे व्यक्ति को अपनी इच्छाओ की पूर्ति तथा योग्य रूप से जीवन निर्वाह करने के लिए कितने ही कष्ट उठाने पड़ते है. कितने समय तक परिश्रम ग्रस्त भी रहना पड़ता है. और न जाने कितना ही शारीरिक तथा मानसिक रूप से गतिशील रहना पड़ता है. इन सब के मूल मे पूर्ण रूप से भौतिक सुख की प्राप्ति है. और इस पूर्ण सुख प्राप्ति के लिए धन प्राप्ति एक बहोत ही बड़ा अंग है. हर एक व्यक्ति की इच्छा होती है की वह भौतिक द्रष्टि से सम्प्पन हो, वह सुखो का उपभोग करे तथा अपने परिवार को भी कराये. अपनी इछाओ तथा मनोकामनाओ की पूर्ति करे तथा अपना और परिवार का ऐश्वर्य बनाये रखे. लेकिन क्या यह हर व्यक्ति के लिए संभव है? नहीं. क्यों की हमारा जीवन कर्मप्रधान है. हमारे कर्मफल के निमित हमारा भाग्य होता है तथा उसी के अनुरूप हमें भोग तथा सुखो की प्राप्त होती है. लेकिन यह प्रारब्ध यह भाग्य को साधनाओ के माध्यम से परावर्तित किया जा सकता है. किसी भी क्षेत्र मे परिश्रम के साथ ही साथ श्रद्धा तथा विश्वास के साथ साधना कर दीव्य शक्तियो की कृपा प्राप्त कर ली जाए तो सफलता निश्चित रूप से मिलती है. धन प्राप्ति के सबंध मे भी तंत्र शास्त्र मे अनेको साधना है, जिनके द्वारा व्यक्ति अपनी धन प्राप्ति की इच्छा को पूर्ण कर सकता है. लेकिन गुप्त रूप से एसी साधनाओ का प्रचलन भी रहा जिससे व्यक्ति को निश्चित ही अत्यधिक कम समय मे अर्थात शीघ्र ही धन की प्राप्ति हो जाती है. चाहे किसी न किसी रूप मे साधक को कोई भी माध्यम से धन की प्राप्ति होती है. इस प्रकार के प्रयोगों को आकस्मिक धनप्राप्ति प्रयोग कहे जाते है. प्रस्तुत प्रयोग आकस्मिकधनप्राप्ति के प्रयोगों की श्रृंखला मे एक अजूबा है. यह प्रयोग बहोत ही कम समय का है तथा साधक को निश्चित सफलता देने मे पूर्ण समर्थ है. इस प्रकार जिन व्यक्तियो के पास लंबे अनुष्ठान करने का समय नहीं है ऐसे व्यक्तियो के लिए भी यह प्रयोग श्रेष्ट है. प्रयोग की पूर्णता पर साधक को आय के नए स्तोत्र प्राप्त होते है, रुका हुआ धन प्राप्त होता है. या फिर किसी न किसी रूप मे धन की प्राप्ति होती है.

इस साधना को किसी भी शुक्रवार से शुरू किया जा सकता है.

समय रात्री काल मे 10 बजे के बाद का हो

साधक के आसान तथा वस्त्र लाल रंग के हो तथा दिशा उत्तर रहे

साधक को यह साधना पलाश वृक्ष के निचे बैठकर करनी चाहिए. अगर किसी भी रूप मे साधक के लिए यह संभव नहीं हो तो साधक जहा पर साधना कर रहा हो वहा पर अपने सामने पलाश वृक्ष की लकड़ी को लाल वस्त्र पर रख दे. साधक अपने सामने देवी महालक्ष्मी का चित्र स्थापित करे. संभव हो तो महालक्ष्मी यन्त्र या श्री यन्त्र स्थापित करे. तथा उसका पूजन करे. उसके बाद साधक देवी महालक्ष्मी को प्रणाम कर साधना मे सफलता के लिए प्रार्थना करे. उसके बाद साधक निम्न लिखित मंत्र का कमलगट्टे की माला से २१ माला जाप करे.

ॐ श्रीं शीघ्र सिद्धिं तीव्र फलं पूरय पूरय देहि देहि श्रीं श्रीं श्रीं नमः
मंत्र जाप पूरा होने पर साधक को गाय के घी से 101 आहुति इसी मंत्र के साथ अग्नि मे समर्पित करनी है. इसके बाद साधक नमस्कार कर सफलता प्राप्ति के लिए प्रार्थना करे.

यह क्रम व्यक्ति को ३ दिन तक रखना है. 3 दिन बाद साधक माला को तथा अगर पलाश की लकड़ी को उपयोग मे लाया है तो वह भी पानी मे प्रवाहित कर दे. साधक की शीघ्र धनप्राप्ति की इच्छा जल्द ही पूर्ण होती है.

Sab Kuch Gyan से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करे…
Join Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now
Ads
Ads
1 Comment
  1. bharti patil says

    bahot sahi & satik

Leave A Reply

Your email address will not be published.