स्वपनदोष और अन्य बिमारियों के लिए लाभदायक है जामुन
लोग जामुन खाते हैं और गुठलियां बेकार समझकर कर फैंक देते हैं, हालांकि जामुन की गुठलियां कोई बेकार वस्तु नहीं हैं, यह कितने काम की चीज है, इसका आयडिया आपको नीचे लिखे हुए उपायों से पता चल जायेगा।
पेट में मरोड़
जामुन की गुठली छांव में सुखाकर चूर्ण बना लें। चार ग्राम यह चूर्ण दही की लस्सी के साथ दिन में तीन बार उपयोग करें। सभी प्रकार के मरोड़ दूर हो जायेंगे।
स्वपन दोष
जिन्हें रात्रि के समय बुरे स्वप्न के कारण या वैसे ही वीर्यपात होता हो, वे जामुन की गुरूठली का चूर्ण चार-चार ग्राम सुबह या शाम पानी के साथ लें।
खून के दस्त
जामुन की गुठली पन्द्रह ग्राम सुबह और शाम पानी में रगड़ कर पिलाना चाहिए।
आवाज बैठ जाना
जामुन की गुठलियों को शहद में मिलाकर गोलियां बना लें। गोलियां को मुंह में रखकर चूसने से गला ठीक हो जाता है। सिंगर्स के लिए यह रामबाण औषधि है।
पतला वीर्य
जिनका वीर्य पतला हो और ज्यादा उत्तेजना से शरीर के बाहर निकल आता हो, वे पांच ग्राम चूर्ण जामुन की गुठली प्रतिदिन शाम को गर्म दूध के साथ उपयोग करें। इससे वीर्य गाढ़ा हो जाता है।
मासिक स्त्राव ज्यादा हो
जामुन की पन्द्रह ग्राम ताजा छाल आधा कप पानी में रगड़कर छान लें और सुबह और शाम पियें। स्त्रियों के प्रदर रोग तथा मासिक समस्या में आराम पहुंचता है।
ल्यूकोरिया
जामुन की छाल को छांव में सुखार्यं और बारीक पीसकर उसे कपड़े से छान लें। पांच-पांच ग्राम सुबह शाम पानी के साथ लेने से ल्यूकोरिया दूर हो जाता है।
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