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वे 4 बातें जो आप बचपन के बॉयफ्रेंड के लिए सोचते हैं

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अपने रिश्ते के बारे में एलान करना एक दो धारी तलवार के जैसा है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका रिश्ता कैसा है, लोगों के पास उसके बारे में कहने के लिए कुछ न कुछ ज़रूर होता है। कभी कभी लोगो को अपने प्यार के रिश्ते के बारे में बताकर आप उन्हें परखने का सीधा निमंत्रण देते है।

मैं अपने बॉयफ्रेंड से मुंबई में मिली।
अगर आपकी प्रतिक्रिया आव होगी, तो आपको यह जानकर ख़ुशी होगी कि मुंबई का आपका रोमांस कुछ सालों बाद आपका बच्चा पैदा करेगा।

अगर आपकी प्रतिक्रिया ऐसी है, “क्यों, आखिर क्यों?” तब आप अकेले नहीं है।
मुझे पता है कि हम उन लोगो के उदहारण देने में कमी कर रहे है जो मुंबई जैसे चक्कर का अंत कर चुके होते है।

अब हम आपको 4 ऐसी बातों के बारे में बताते है जो बचपन के प्यार करने वाले लोग सुनकर थक चुके होते है:

1. इस उम्र में आप रिश्ते को अपनी ज़िन्दगी तय करने के लिए नहीं कह सकते। क्या आप इससे सहमत है?

कतई नहीं लेकिन यह सभी उम्र के लोगो पर लागू होता है।
अगर आपको कभी ऐसा लगा हो कि आपने किसी चीज़ को नहीं किया है या फिर आपके चाहने वाले ने आपको आपके सपने पूरे करने से रोका है तो यह आपके लिए खतरे कि घंटी है।
अगर आप बच्चो के रूप में मिलते है तो आप उस समय में मिलते है जब लिंग का कोई महत्त्व नहीं होता। आप एक जैसा महसूस करते है क्यूंकि उस उम्र में आपका लिंग आप पर हावी नहीं होता। जब आप माता पिता बनते है तो आपके काम का दबाव और आपकी असली ज़िन्दगी का दबाव आपके रोल को ज़्यादा महत्वपूर्ण बना देता है।
जो आपके साथ होता है अगर वह उस अनुसार नहीं है जैसा आपने सोचा था तो बेहतर है कि आप उस इंसान को बता दे जिससे आप प्यार करते है, कि आप अपने सपनो को उनके लिए त्यागना नहीं चाहते। अगर आप दोनों एक जैसे बड़े हुए है तो इस प्रश्न का कोई सवाल ही खड़ा नहीं होता।

2. क्या आपकी ख्वाइश नहीं होती कि आप ज़िन्दगी में बाद में मिले होते?

बचपन साथ ना बिताने का दुःख है? हम सिस्टम में से बड़े होने के पहले मिले थे। तब हमारी मुस्कान नकली नहीं थी और हमने सफलता को तोला नहीं था। अपने बचपन के सबसे अच्छे दोस्त के बारे में सोचिये। क्या आप उसके साथ अपने भविष्य को सोच सकते है?
यह कितना उत्साहित होगा कि अगर आपका रिश्ता आपके बचपन के रिश्ते जैसा हो? समस्या तब आती है जब आप अलग अलग माहौल में बड़े होते है। अगर आप ज़िन्दगी में सही ढंग से बड़े होते है तब कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस उम्र में मिलते है।

3. दूसरे लोग?

मुर्ख न बने. हम इन सबके बारे में बात करते है और समय के साथ हमारी चाहते और दिन के सपने भी पैदा होते है. लेकिन 16 कि उम्र कि बातें करने का लेवल हमारी मदद करता है। बच्चे बिना रुके बातें करते है। उनमें भावुकता नहीं होती. दुनिया ने उनके विश्वासी दिलों पर अपनी चाप नहीं छोड़ी होती। यह बातें करने के लिए बहुत कुछ छोड़ता है, कुछ ऐसा जो आपके साथ बड़ा होता है।
अगर रिश्ता लड़ने योग्य नहीं है तो आप उसके लिए नहीं लड़ेंगे. लोग उन चीज़ों के लिए काम नहीं करते जिनकी वह परवाह नहीं करते।

4. यह बातें ख़त्म नहीं होती

अगर आप अपने बारे और अपने रिश्ते को लेकर खुश और आत्मविश्वासी है तो आप फालतू कि बातों पर ध्यान नहीं देंगे। कोई दो कहानी एक जैसी नहीं होती. बचपन के सभी साथियों के बारे में कोई राय बनाने से पहले सोचना चाहिए कि रिश्ते अलग अलग होते है।
अगर आप खुश है तो आप अपने पहले प्यार को लेकर पछतायेंगे नहीं बेशक वह आपके साथ न हो।
कोई इंसान जो 100 प्रतिशत यकीन रखता है कि उसका रिश्ता ज़रूर कामयाब होगा बेशक वह जब कभी भी मिले, एक अलग ही दुनिया में रहते है।
हालाँकि कोई ऐसा जो यह यकीन रखता हो कि वह अपने पहले प्यार के साथ नहीं रह सकता , वह भी गलत है। कई ऐसे गंभीर रिश्ते के मुद्दे होते है जो सही नहीं जाते। लेकिन आप किस उम्र में उससे मिलते है वह उन मुद्दों में शामिल नहीं है।

 

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