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हज़ारों वर्षों से आयुर्वेद का वरदान है अरण्डी का तेल, जान लीजिये इसके फायदे

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आयुर्वेद : जैसा कि आपको पता है की आयुर्वेद की खोज भारत की ही है और अरण्डी का तेल आयुर्वेद में हजारों वर्षों से इस्तेमाल होता आ रहा हैं। इसमे कई प्रकार के रोगों से लड़ने की क्षमता पाई जाती हैं। अरण्डी यानी केस्टर ऑयल आजकल कई सौंदर्य प्रसाधनों में भी इस्तेमाल होने लगा है। इसके औषधीय गुण कई रोगों से जल्द ही छुटकारा देने में सहायक हैं। इसके अरण्डी के पेड़ ज्यादातर भारत और अफ्रीका में पाए जाते हैं। अरण्डी के बीजों से इसका तेल निकाला जाता हैं। तो आइए जानते हैं इसके फायदे।

1. हाथ पैरों पर सूजन होने पर अरण्डी के तेल को हल्का गर्म करके हाथ पैरों पर मालिस करें। इससे सूजन उतर जाती हैं।
2. त्वचा पर अरण्डी के तेल से रोजाना मालिश करने पर त्वचा पर झुर्रियां नहीं पड़ती। यह त्वचा को कोमल और मुलायम रखने में सहायक हैं।
3. घुटनों में दर्द होने पर अरण्डी के तेल को हल्का गर्म करके मालिस करें और ऊपर से अरण्डी के पत्तों को बांध लें। ऐसा कुछ दिनों तक करने पर घुटनों के दर्द से जल्द ही राहत मिलेगी।


4. पैर में मोच आ जाए तो अरण्डी के तेल में नारियल का तेल मिलाकर हल्का गर्म करके लगाएं। इससे मोच जल्द ही दूर होती हैं और दर्द में आराम मिलता हैं।
5. आंखों के नीचे बने काले घेरे दूर करने के लिए अरण्डी के तेल में रुई भिगोकर काले घेरों पर लगाएं। इससे काले घेरे शीघ्र ही दूर होंगे।
6. दाद होने पर तीन बूंद अरण्डी के तेल दो बूंद नारियल तेल मिलाकर दाद पर लगाएं। इससे दाद जल्द ही दूर होगा और दाद के कारण होने वाली खुजली भी दूर होती हैं।

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