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यह हैं वो 10 कारण जिसकी वजह से 23 मार्च को ही शहीद दिवस मनाया जाता है

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1. शहीद भगत सिंह की असली लड़ाई तब शुरू हुई जब साइमन कमीशन के खिलाफ आवाज़ उठाते हुए विरोध के दौरान हिंसा में लगी चोटों के कारण लाला लाजपत राय की मृत्यु हुई थी ।

2. एचआरएसऐ का ज़रूरी सदस्य होने के नाते भगत सिंह ने कसम खाई थी की वह लाजपत राय की मौत का बदला लेंगे और उन्होंने जेम्स ऐ स्कॉट पर अटैक की योजना बनायीं। स्कॉट, ने लाला लाजपत राय, राजगुरु, सुखदेव और चंद्रशेखर आज़ाद पर लाठी चार्ज का आदेश दिया था

3. हालाँकि पहचान की गलती लगने के कारण उन्होंने स्कॉट की जगह जॉन पी सौंडर्स को मार दिया।

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Bhagat Singh, Rajguru and Shukhdev

4. इसके बाद पुलिस ने इस ग्रुप को पकड़ने के लिए ज़ोर शोर से कोशिश की। 8 अप्रैल 1929 को भगत सिंह ने बटुकेश्वर दत्त के साथ मिलकर सेंट्रल असेंबली चैम्बर में पब्लिक सेफ्टी बिल और ट्रेड डिस्प्यूट एक्ट के खिलाफ दो कच्चे बम गेरे। Play Quiz::चार सवालों के जवाब देकर जीते 400 रुपये paytm कैश

5. बमों को कम तीव्रता वाले बारूद से बनाया गया था ताकि चैम्बर में किसी की मौत न हो लेकिन इन बमों ने कई लोगों को घायल ज़रूर किया था।

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Bhagat Singh

6. भगत सिंह आसानी से बच सकता था लेकिन उसने और दत्त ने वह रहकर इन्किलाब ज़िंदाबाद के नारे लगाए और कुछ कागज़ फेंके जिस पर लिखा था की आप एक इंसान को तो मार सकते हो लेकिन उसके ख्याल को नहीं मार सकते । इन दोनों को पकड़कर दिल्ली की जेल में डाला गया।

7. सुखदेव तब गिरफ्तार किया गया जब पुलिस ने एचआरएसऐ द्वारा लाहौर और सहारनपुर में बनायीं गयी बम की फैक्ट्री को ढूंढा।

8. हालाँकि भगत सिंह को असेंबली में बम फेकने के लिए दोषी माना गया था लेकिन पुलिस ने सुखदेव और राजगुरु पर सौंडर्स को मारने के इलज़ाम में गिरफ्तार किया जिसे लाहौर कांस्पीरेसी केस भी कहा जाता है और जिसके लिए उन्हें मौत की सजा सुनाई गयी थी। Play Quiz::चार सवालों के जवाब देकर जीते 400 रुपये paytm कैश

9. इन्हे 24 मार्च को फांसी लगनी थी लेकिन तीनो कैदियों को एक दिन एक घंटे पहले यानी 23 मार्च शाम 7.30 बजे फांसी दे दी गयी।

10. इनके शरीर को सतलुज नदी के किनारे दफ़न किया गया।

शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की पुण्यतिथि के दिन हम इन तीनों शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते है जिन्होंने हमारे देश के लिए अपनी जान की कुर्बानियां दी।

तो दोस्तों यह वो 10 कारण थे जिसके कारण हम 23 मार्च को शहीदी दिवस के रूप में मनाते हैं,

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जय हिन्द!! जय भारत!!

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